काबुल में बड़ा आतंकी हमला: तालिबान मंत्री की मौत
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में बुधवार को हुए आत्मघाती हमले ने तालिबान सरकार को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में शरणार्थी और प्रत्यावर्तन मंत्री खलील-उर-रहमान हक्कानी समेत पांच लोगों की मौत हो गई। धमाका उनके मंत्रालय की इमारत के अंदर हुआ, जहां एक आत्मघाती हमलावर आगंतुक के वेश में घुसा था। हमले की जिम्मेदारी अभी तक किसी ने नहीं ली है, लेकिन शक है कि इसमें इस्लामिक स्टेट या तालिबान के विरोधी समूहों का हाथ हो सकता है।
हक्कानी नेटवर्क का प्रमुख चेहरा
खलील-उर-रहमान हक्कानी (58) तालिबान सरकार में एक प्रमुख नेता थे और हक्कानी नेटवर्क के संस्थापक जलालुद्दीन हक्कानी के भाई थे। वह मौजूदा गृह मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी के चाचा भी थे। खलील 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से शरणार्थी मामलों को संभाल रहे थे।
हमला कैसे हुआ?
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, आत्मघाती हमलावर आगंतुक बनकर मंत्रालय में दाखिल हुआ। जब खलील-उर-रहमान कागजी कार्रवाई पर हस्ताक्षर कर रहे थे, तब हमलावर ने बम विस्फोट कर दिया। काबुल पुलिस ने बयान जारी कर कहा कि इस हमले में कई लोग घायल हुए हैं, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर है। मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई गई है।
सुरक्षा में चूक या अंदर का हाथ?
अफगान पत्रकार नूर रहमान शेरजाद ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा कि खलील-उर-रहमान की हत्या उस जगह पर हुई है, जिसे सबसे सुरक्षित माना जाता था। उन्होंने संदेह जताया कि यह हमला किसी करीबी व्यक्ति की मिलीभगत से हुआ हो सकता है, क्योंकि मंत्रालय की सुरक्षा को तोड़ना आसान नहीं है।
तालिबान सरकार पर पहला बड़ा हमला
2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद यह पहली बार है जब किसी हाई-प्रोफाइल मौजूदा मंत्री को निशाना बनाया गया है। खलील उन नेताओं में से थे जिन्होंने तालिबान सरकार बनने के बाद कई प्रमुख अफगान नेताओं से संपर्क किया था।
इस्लामिक स्टेट और तालिबान की दुश्मनी
तालिबान को लंबे समय से इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISKP) और नेशनल रेसिस्टेंस फ्रंट से चुनौती मिलती रही है। हालांकि, इस हमले की जिम्मेदारी अभी किसी भी संगठन ने नहीं ली है। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने इसे “दुश्मनों का बर्बर हमला” करार दिया।
मंत्री की मौत पर तालिबान का बयान
काबुल पुलिस ने कहा, “हमें बहुत दुख है कि हमारे शरणार्थी मंत्री खलील-उर-रहमान हक्कानी शहीद हो गए।” वहीं, जबीहुल्लाह मुजाहिद ने आरोप लगाया कि “मुसलमान होने का दावा करने वाले काफिर” इस हमले के लिए जिम्मेदार हैं।
सुरक्षा में बढ़ेगी सख्ती
इस घटना के बाद तालिबान सरकार ने मंत्रालयों और अन्य सरकारी संस्थानों की सुरक्षा बढ़ाने की बात कही है। इस हमले ने तालिबान प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।