पुतिन और मोदी के गले मिलने से यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की खुश नहीं थे। पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस का दौरा किया था, जो यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद उनका पहला रूस दौरा था। मास्को पहुंचते ही पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने गले मिलते हुए पश्चिमी मीडिया में खूब आलोचना झेली।रूस के मिसाइल हमले में 37 लोग मारे गए, जिनमें तीन बच्चे भी शामिल थे। रूस ने यूक्रेन के सबसे बड़े बच्चों के अस्पताल पर हमला किया। ऐसे दिन दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता का सबसे बड़े अपराधी से गले मिलना शांति प्रयासों के लिए निराशाजनक है।”
पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस का दौरा किया था, जो यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद उनका पहला रूस दौरा था। मास्को पहुंचते ही पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने गले मिलते हुए पश्चिमी मीडिया में खूब आलोचना झेली।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 अगस्त को यूक्रेन की यात्रा करेंगे। यह 30 वर्षों में पहली बार है कि कोई भारतीय प्रधानमंत्री यूक्रेन का दौरा करेगा।
कई लोग मानते हैं कि पीएम मोदी का यूक्रेन दौरा रूस के लिए असहज हो सकता है। लेकिन इसके विपरीत, यह भी कहा जा सकता है कि राष्ट्रपति पुतिन के चीन दौरे से भारत भी बहुत सहज नहीं होता है। पीएम मोदी का यह दौरा ऐसे समय हो रहा है जब यूक्रेन ने हाल ही में रूस की सीमा में घुसकर हमले तेज कर दिए हैं। यूक्रेन ने रूस के कुछ क्षेत्रों को अपने नियंत्रण में भी ले लिया है। आशंका है कि रूस जल्द ही यूक्रेन पर बड़ा हमला कर सकता है। ऐसे में पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे के समय को लेकर चर्चा हो रही है और सवाल उठाया जा रहा है कि जब हालात इतने बिगड़े हुए हैं, तो पीएम मोदी इस समय यूक्रेन क्यों जा रहे हैं?
जानकारों का क्या कहना है?
अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ ब्रह्मा चेलानी ने ट्वीट कर कहा, “23 अगस्त को यूक्रेन का दौरा करना न केवल गलत समय है, बल्कि इसका उद्देश्य भी स्पष्ट नहीं है। यूक्रेन के हालिया हमलों ने युद्धविराम की कोशिशों को झटका दिया है। यूक्रेन के आजाद होने के बाद से कोई भारतीय पीएम वहां नहीं गया है। पीएम मोदी के यूक्रेन जाने का कोई ठोस कारण नहीं है, खासकर जब युद्ध के चलते तनाव बढ़ा हुआ है।”
अंतरराष्ट्रीय संबंधों के जानकार प्रवीण सावहने ने लिखा, “जब रूसी सेनाओं ने यूक्रेन के डोनबास में कई मोर्चों पर हमले तेज किए हैं, तो पीएम मोदी का यूक्रेन दौरा किस उद्देश्य से हो रहा है?” जेएनयू के प्रोफेसर हैप्पीमन जैकब ने लिखा- पीएम मोदी यूक्रेन के दौरे पर क्यों जा रहे हैं? जवाब में प्रोफेसर जैकब ने विदेश मंत्री एस जयशंकर की किताब ‘द इंडिया वे’ का एक अंश साझा किया। इसके अनुसार, “उभरती हुई शक्तियां वैश्विक विरोधाभासों से उत्पन्न हुए अवसरों को पहचानती हैं और उन्हें इस्तेमाल कर अपने राष्ट्रीय हितों को आगे बढ़ाती हैं।”
फरवरी 2022 से शुरू हुए रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से पीएम मोदी और ज़ेलेंस्की दो बार मिल हैं। मई 2023 में मोदी और ज़ेलेंस्की की जापान में मुलाकात हुई थी, और जून 2024 में दोनों नेता इटली में भी मिले थे।
रक्षा विशेषज्ञ ब्रह्मा चेलानी ने लिखा है, “इस समय मोदी का यूक्रेन दौरा काफी नुकसानदेह हो सकता है। यूक्रेन की घुसपैठ के बाद रूस उस पर बड़े हमले की तैयारी कर रहा है। अमेरिका यहां युद्धविराम में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है।” ब्रह्मा चेलानी ने बांग्लादेश का उल्लेख करते हुए मोदी को भारत के लिए मौजूद चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी है।