इस घटना के दो अन्य आरोपी अभी भी फरार हैं और उनकी तलाश जारी है।
इस घटना के बाद तफजुल के गांववालों ने उसके शव को दफनाने से इनकार कर दिया। बोरभेती गांव के निवासियों ने शनिवार सुबह फैसला किया कि आरोपी के शव को गांव के कब्रिस्तान में दफनाने की अनुमति नहीं दी जाएगी और न ही कोई गांववाला उसके जनाजे में शामिल होगा। गांववालों का कहना है कि तफजुल ने गांव का नाम बदनाम किया है, इसलिए उन्होंने विरोधस्वरूप गांव की मस्जिद तक मार्च भी किया।
इससे पहले, नागांव जिले के धींग में एक नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना घटी थी। पीड़िता जब ट्यूशन से लौट रही थी, तभी तीन आरोपियों ने उसका अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म किया। बाद में आरोपी उसे तालाब के पास बेहोशी की हालत में छोड़कर फरार हो गए। पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया था, जबकि अन्य की तलाश जारी है।
इस घटना के बाद लोगों में भारी आक्रोश फैल गया और उन्होंने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए अनिश्चितकालीन बंद का आह्वान किया। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए इसे मानवता के खिलाफ अपराध बताया और दोषियों को सख्त सजा दिलाने का आश्वासन दिया। उन्होंने राज्य के डीजीपी को जांच पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री सरमा ने यह भी कहा कि बंगाल और असम में ऐसे मामलों से निपटने के तरीकों में अंतर है। उन्होंने कहा कि बंगाल में महिलाओं को प्रताड़ित करने वाले अपराधियों को बचाया जाता है, जबकि असम में ऐसे आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाता है। इस बीच, सरकार के एक मंत्री ने अस्पताल जाकर पीड़िता का हालचाल भी लिया।