साइबर धोखाधड़ी के शिकार हुए महाराष्ट्र के मुंबई मेंएक रेलवे अधिकारी ने नौ लाख रुपये गंवा दिए, जब जालसाजों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर उसे ठग लिया। यह घटना सोमवार को घटी, जब धोखाधड़ी करने वालों ने पीड़ित को 20 घंटे तक वीडियो कॉल पर रखा। पीड़ित, जो छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस में प्रिंसिपल चीफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के रूप में काम कर रहे हैं, को 16 सितंबर की सुबह एक फोन आया। फोन पर उसे बताया गया कि उसके फोन को अगले दो घंटे में ब्लॉक कर दिया जाएगा और अधिक जानकारी के लिए शून्य दबाने को कहा गया। जैसे ही उसने शून्य दबाया, एक वीडियो कॉल शुरू हो गई, जिसमें कॉलर ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया और कहा कि वह मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के लिए पीड़ित के मोबाइल नंबर की जांच कर रहे हैं, जो एक संदिग्ध बैंक खाते से जुड़ा था।
पीड़ित का कहना है कि उसका किसी भी मामले से कोई संबंध नहीं था, लेकिन जालसाजों ने इसे नजरअंदाज कर दिया। उन्होंने उसे बताया कि उसके नाम पर एक मोबाइल नंबर पंजीकृत है, जो 5.8 मिलियन रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में इस्तेमाल किए गए बैंक खाते से जुड़ा है। इसके बाद, पीड़ित ने अपने दफ्तर जाकर कॉल करने वालों को सूचित किया, लेकिन कॉलर ने उसे बताया कि सीबीआई अधिकारी उसकी जांच करना चाहते हैं। इस दौरान, जालसाजों ने पीड़ित से सभी व्यक्तिगत विवरण ले लिए और कहा कि उसे अब अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा, जहां उसका फैसला किया जाएगा।
वीडियो कॉल मंगलवार की सुबह साढ़े नौ बजे तक चलता रहा। जालसाजों ने पीड़ित से बैंक में जाकर नौ लाख रुपये जमा करने के लिए कहा। पीड़ित ने उनकी बात मानते हुए पैसे ट्रांसफर कर दिए। ट्रांसफर के बाद ही उसे ठगी का एहसास हुआ। उसने तुरंत बैंक मैनेजर से संपर्क कर ट्रांजैक्शन रोकने को कहा, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। पीड़ित ने इस घटना की शिकायत पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई। अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच जारी है।