दिल्ली-NCR में Air Pollution का संकट: राजधानी की हवा सर्वाधिक प्रदूषित, एक्यूआई 532 तक पहुंचा
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और NCR के अन्य शहरों में Air Pollution (वायु प्रदूषण) ने गंभीर स्थिति पैदा कर दी है। मौसम में ठंडक बढ़ने के साथ ही हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। रविवार को दिल्ली के आनंद विहार में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 532 रिकॉर्ड किया गया, जो अत्यधिक खतरनाक श्रेणी में आता है। राजधानी के अन्य क्षेत्रों जैसे अशोक विहार, जहांगीरपुरी, द्वारका सेक्टर 8, और बवाना में भी AQI 400 के पार है। राजधानी समेत उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के कई प्रमुख शहरों में भी AQI 300 से अधिक है, जिससे पूरे उत्तर भारत में प्रदूषण का संकट गहराता जा रहा है।
हवा की दिशा और गति में कमी से बढ़ा प्रदूषण
दिल्ली और NCR के क्षेत्रों में हवा की दिशा और गति में कमी के कारण प्रदूषक तत्व वातावरण में जमे हुए हैं। हवा की गति मात्र 5 से 15 किलोमीटर प्रतिघंटे होने से प्रदूषण के कण ऊपर नहीं उठ रहे, जिससे ये Toxic-air (जहरीली हवा) लोगों के स्वास्थ्य पर भारी पड़ रही है। मौसम विभाग का कहना है कि बुधवार तक हवा की गुणवत्ता में कोई सुधार की संभावना नहीं है, और सुबह के समय हल्की धुंध छाई रहने का भी अनुमान है।
NCR के शहरों की स्थिति भी खराब
दिल्ली के अलावा NCR के गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद और ग्रेटर नोएडा में भी प्रदूषण की स्थिति खराब दर्ज की गई। गाजियाबाद में AQI 290, गुरुग्राम में 281, फरीदाबाद में 250 और ग्रेटर नोएडा में 248 रहा। हालात इतने गंभीर हैं कि लोग आंखों में जलन और सांस लेने में परेशानी की शिकायत कर रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, इन प्रदूषक तत्वों का लंबे समय तक संपर्क में रहना हृदय और फेफड़ों के लिए अत्यंत हानिकारक हो सकता है।
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सख्त कार्रवाई के बावजूद Delhi Pollution पर काबू पाना मुश्किल
आसपास के क्षेत्रों में और Delhi Pollution रोकने के लिए सख्त कदम उठाए गए हैं। 15 से 31 अक्तूबर के बीच 56 निर्माण स्थलों को बंद किया गया, जबकि 54,000 वाहनों पर वैध प्रदूषण नियंत्रण सर्टिफिकेट (PUC) न होने पर जुर्माना लगाया गया। इसके अलावा, 3,900 वाहन जब्त किए गए और 5,300 से अधिक अवैध डंपिंग साइटों का निरीक्षण किया गया। सड़क पर धूल को नियंत्रित करने के लिए जल छिड़काव वाले टैंकर और धुंध रोधी गन का उपयोग किया जा रहा है। इसके बावजूद AQI Delhi में कोई खास सुधार नहीं हुआ है।
पंजाब में पराली जलाने के मामलों का असर
पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं भी प्रदूषण बढ़ने का एक मुख्य कारण हैं। पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर के अनुसार, 15 सितंबर से 3 नवंबर के बीच पराली जलाने के 4,132 मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें रविवार को 216 मामले दर्ज किए गए। इन घटनाओं का प्रभाव दिल्ली-NCR के प्रदूषण स्तर पर भी पड़ रहा है, जिससे वायु गुणवत्ता सुधारने के प्रयासों को झटका लग रहा है।
Health issues due to pollution
Air Pollution का बढ़ता स्तर लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल रहा है। आंखों में जलन, सांस की दिक्कत, खांसी और त्वचा की समस्याएं आम होती जा रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों को खास सावधानी बरतनी चाहिए। NCR में बढ़ते प्रदूषण के बीच सभी एजेंसियों द्वारा प्रदूषण नियंत्रण के प्रयास जारी हैं, पर फिलहाल हालात गंभीर बने हुए हैं।