दिल्ली सरकार ने सर्दियों से पहले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इस पहल के तहत, सरकार ने खेतों में पराली को गलाने के लिए मुफ्त बायो डि-कंपोजर छिड़काव कराने का निर्णय लिया है। यह छिड़काव पराली जलाने की जरूरत को खत्म करेगा और खेतों की उर्वरता को भी बढ़ाएगा।
बुधवार को कृषि विभाग और पूसा कृषि अनुसंधान संस्थान के अधिकारियों के साथ बैठक में विकास मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली सरकार बासमती और गैर-बासमती धान के सभी खेतों में मुफ्त बायो डि-कंपोजर का छिड़काव करेगी। अब तक 841 किसानों ने इसके लिए फॉर्म भर दिया है। इस साल सरकार का लक्ष्य पांच हजार एकड़ से अधिक खेतों में बायो डि-कंपोजर का छिड़काव करने का है।
उन्होंने बताया कि सरकार प्रदूषण को रोकने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। विंटर एक्शन प्लान तैयार करने के लिए विभिन्न विभागों के साथ बैठकें की जा रही हैं, और सभी विभागों को 21 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान देने की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में धान की खेती मुख्यतः कुछ ही क्षेत्रों में की जाती है।
दिल्ली में पराली से प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पिछले साल बायो डि-कंपोजर का मुफ्त छिड़काव किया गया था, जिसका परिणाम सकारात्मक रहा था। किसानों को धान की फसल की कटाई और गेहूं की बुवाई के बीच समय की कमी का सामना करना पड़ता है, इसलिए सरकार ने अब से ही छिड़काव की तैयारियों को शुरू कर दिया है।
गोपाल राय ने बताया कि बायो डि-कंपोजर के छिड़काव के लिए कृषि विभाग को किसानों से जल्द फॉर्म भरवाने के निर्देश दिए गए हैं। इस फॉर्म में किसान के विवरण, छिड़काव के लिए कितने एकड़ खेत की जानकारी, और फसल कटने का समय जैसी जानकारी मांगी जाएगी। इसके साथ ही, दिल्ली के किसानों को बायो डि-कंपोजर के छिड़काव के बारे में जागरूक करने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं। बायो डि-कंपोजर का छिड़काव सितंबर के अंतिम सप्ताह से शुरू किया जाएगा, और इसके लिए सभी संबंधित विभागों को आवश्यक निर्देश जारी कर दिए गए हैं।