जयपुर-आजमेर हाइवे पर एलपीजी टैंकर धमाका: खतरनाक निर्माण कार्य ने बढ़ाई दुर्घटनाओं की संभावना
जयपुर-आजमेर हाइवे पर शुक्रवार को हुए एलपीजी टैंकर विस्फोट ने 12 लोगों की जान ले ली और कई अन्य गंभीर रूप से झुलस गए। यह हादसा स्थानीय निवासियों के लिए कोई नई बात नहीं है, क्योंकि यह मार्ग लंबे समय से खराब ट्रैफिक प्रबंधन और चल रहे निर्माण कार्यों के कारण खतरनाक बना हुआ है। हादसे का स्थल भांकरोटा क्षेत्र में दिल्ली पब्लिक स्कूल के पास स्थित एक यू-टर्न है, जो पिछले कुछ वर्षों में कई दुर्घटनाओं का गवाह बन चुका है।
खतरनाक निर्माण कार्य और ट्रैफिक का दबाव
स्थानीय निवासियों के अनुसार, यहां पर निर्माण कार्य चल रहा है, जिसमें एक नया फ्लाईओवर और रिंग रोड परियोजना शामिल है, जो वर्षों से लंबित है। भांकरोटा के निवासी अभिषेक जैन ने कहा, “यह हादसा प्रशासन की लापरवाही का परिणाम है। निर्माण कार्य के कारण सड़कें संकरी हो गई हैं, जिससे इस मार्ग पर ट्रैफिक का दबाव बढ़ गया है। रोजाना हादसे होते हैं, लेकिन पुलिस और प्रशासन ने अब तक कोई कदम नहीं उठाया।”
इस दुर्घटना के समय, सुबह लगभग 5 बजे, स्थिति और भी बदतर हो सकती थी। “अगर यह हादसा सुबह 8 या 9 बजे होता, तो नुकसान कहीं ज्यादा हो सकता था।”
प्रमुख परिवहन मार्ग पर ट्रैफिक की अधिकता
जयपुर-आजमेर हाइवे राजस्थान के महत्वपूर्ण परिवहन नेटवर्क का हिस्सा है, जो बीकानेर, जोधपुर, उदयपुर, अहमदाबाद और मुंबई जैसे प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। इस हाइवे पर भारी ट्रैफिक रहता है, जिसमें खतरनाक सामग्रियाँ ले जाने वाले टैंकर भी शामिल हैं।
स्थानीय पुलिस ने इस मार्ग की सुरक्षा चिंताओं को स्वीकार किया है। भांकरोटा थाने के एसएचओ मनीष गुप्ता ने कहा, “कुछ दिन पहले इस मार्ग पर एक पुलिसकर्मी की एक तेज रफ्तार वाहन के टक्कर से मौत हो गई थी। बेहतर ट्रैफिक प्रबंधन की जरूरत है और इसके लिए NHAI और JDA को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।”
रिंग रोड निर्माण और ट्रैफिक व्यवधान
राज्य के लोक निर्माण विभाग के प्रधान सचिव प्रवीण गुप्ता ने बताया कि रिंग रोड का निर्माण कार्य ट्रैफिक पैटर्न को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है। “जहां से ट्रक यू-टर्न लेते हैं, वह कट रिंग रोड तक पहुंचने के लिए है, जो जयपुर का बायपास है। रिंग रोड के पूरा होने के बाद, ट्रक उस पर चलेंगे और जयपुर में नहीं आएंगे
निर्माण कार्य के कारण बढ़े खतरनाक मोड़
स्थानीय निवासी शिल्पा शर्मा ने कहा कि शुक्रवार की त्रासदी एक ऐसा हादसा था, जिसे होने से पहले ही सभी ने चेतावनी दी थी। “कुछ दिन पहले इसी जगह एक बस का दूसरी बस से टक्कर हो गई थी। कई भारी वाहन इस संकरी यू-टर्न से गुजरते हैं, लेकिन सरकार और प्रशासन ने अब तक कोई कदम नहीं उठाया।”
अखिराम शर्मा ने कहा, “यू-टर्न में दो लेन हैं, लेकिन एक को पिछले एक साल से ब्लॉक कर दिया गया है। यहां ट्रैफिक प्रबंधन बेहद खराब है और भारी वाहन संकरे मोड़ से गुजरते हैं, खासकर सुबह के समय।”
यू-टर्न का संवेदनशील स्थान
यह यू-टर्न दिल्ली पब्लिक स्कूल और पेट्रोल पंपों के पास स्थित है, जो इसे और भी खतरनाक बना देता है। अभिषेक जैन ने कहा, “यह रोड कट DPS स्कूल के पास स्थित है, जिससे यहां अक्सर ट्रैफिक जाम और अराजकता की स्थिति बनती है। यह स्कूल से महज 200 मीटर दूर है और दोनों तरफ पेट्रोल पंप हैं।”
स्थानीय प्रशासन का जवाब
इस दुर्घटना के बाद, परिवहन सचिव शुचि त्यागी ने जयपुर कलेक्टर को एक समिति बनाने का निर्देश दिया है, जो हादसे के कारणों की जांच करेगी और सुधारात्मक उपाय सुझाएगी। हालांकि, स्थानीय निवासियों का मानना है कि यह प्रतिक्रिया बहुत देर से आई है।
अखिराम शर्मा ने कहा, “यहां के सड़क हालात बहुत खराब हैं। ट्रैफिक प्रबंधन बेहद खराब है और भारी वाहन संकरे मोड़ से गुजरते हैं, जो खासकर सुबह के समय खतरनाक हो जाता है।”