नकली हेलमेट्स की बिक्री पर सरकार ने अब बड़ा एक्शन लिया है, जिससे रोड सेफ्टी को लेकर नई जागरूकता आई है। भारत में टू-व्हीलर राइडर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने बिना ISI मार्क वाले हेलमेट्स बनाने वाली 162 कंपनियों के लाइसेंस कैंसल कर दिए हैं। इस कदम का मकसद नकली हेलमेट्स की बिक्री पर रोक लगाना और सड़कों पर सुरक्षित सफर को प्रमोट करना है।
फेक हेलमेट्स पर शिकंजा
Road Safety को ध्यान में रखते हुए BIS (Bureau of Indian Standards) ने ऐसे हेलमेट्स बनाने वाली कंपनियों पर 27 जगहों पर छापेमारी की है, जो सेफ्टी स्टैंडर्ड्स को फॉलो नहीं कर रही थीं। ये कंपनियां बाजार में ऐसे हेलमेट्स बेच रही थीं, जो किसी भी Accident के दौरान जरूरी सेफ्टी प्रोवाइड नहीं कर सकतीं और यूजर्स की जान खतरे में डाल सकती हैं। नकली हेलमेट्स पर सरकार का ये एक्शन आने वाले दिनों में और भी सख्त हो सकता है।
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जिला अधिकारियों को खास निर्देश
सरकार ने जिला अधिकारियों को पुलिस और BIS अधिकारियों के साथ मिलकर बिना ISI मार्क वाले हेलमेट्स बेचने वालों पर नज़र रखने का निर्देश दिया है। इसके अलावा, उपभोक्ता BIS Care ऐप या वेबसाइट के जरिए हेलमेट मैन्युफैक्चरर की Authenticity चेक कर सकते हैं, ताकि वे सिर्फ सेफ्टी स्टैंडर्ड्स वाले हेलमेट्स का ही इस्तेमाल करें।
फेक हेलमेट्स हैं जानलेवा
बाजार में सस्ते 200-300 रुपये के नकली हेलमेट्स आसानी से मिल जाते हैं, लेकिन ये न तो सुरक्षित होते हैं और न ही किसी हादसे में सुरक्षा देते हैं। इसलिए, रोड पर सुरक्षित रहने के लिए हमेशा ISI मार्क वाला हेलमेट ही पहनें। नकली हेलमेट्स किसी भी हादसे में जानलेवा साबित हो सकते हैं।
यह अभियान मौजूदा Road Safety प्रोग्राम्स के साथ जुड़ा हुआ है, ताकि सड़कों पर लोगों को अधिक सुरक्षित और जागरूक किया जा सके।