भारत सरकार ने cyber धोखाधड़ी की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उसने अपने नेशनल हेल्पलाइन नंबर 155260 को बदलकर 1930 कर दिया है, जो नागरिकों को अपने वित्तीय नुकसान की रिपोर्ट करने में मदद करेगा। यह चार अंकों का नंबर गृह मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया है और इसे भारतीय साइबर अपराध को-ऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) का हिस्सा बनाया गया है।
अब से, उपयोगकर्ता किसी भी प्रकार की cyber धोखाधड़ी के कारण हुए वित्तीय नुकसान की जानकारी 1930 पर कॉल करके दे सकेंगे। यह हेल्पलाइन राज्य पुलिस द्वारा संचालित की जाएगी, जो धोखाधड़ी से संबंधित लेन-देन की जानकारी इकट्ठा करेगी।
साइबर धोखाधड़ी के मामलों में वृद्धि के चलते गृह मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक ने नागरिकों की सुरक्षा के लिए जागरूकता बढ़ाने और साइबर सुरक्षा उपायों को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया है। इस नई हेल्पलाइन के माध्यम से, सरकार का उद्देश्य नागरिकों के लिए एक सुरक्षित डिजिटल भुगतान प्रणाली को सुनिश्चित करना है।
साइबर धोखाधड़ी का शिकार होने पर नागरिक इस हेल्पलाइन पर कॉल कर सकते हैं, जहां राज्य पुलिस धोखाधड़ी लेन-देन के विवरण को इकट्ठा करेगी। इस जानकारी को नागरिक वित्तीय साइबर धोखाधड़ी रिपोर्टिंग और प्रबंधन प्रणाली में एक टिकट के रूप में सबमिट किया जाएगा।
“खबरीलाल न्यूज़ में यह भी पढ़ें”i phone 16 का reviwe
इसके बाद संबंधित बैंक, वॉलेट, या व्यापारी को शिकायत भेजी जाएगी, ताकि धोखाधड़ी की गई राशि को फ्रीज किया जा सके। यदि पैसा पहले ही किसी अन्य बैंक में स्थानांतरित हो गया है, तो यह प्रक्रिया तब तक जारी रहेगी जब तक धन की वसूली नहीं हो जाती।
इस हेल्पलाइन का विकास भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), सभी प्रमुख सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों, और लोकप्रिय ऑनलाइन वॉलेट और व्यापारियों जैसे पेटीएम, फोनपे, फ्लिपकार्ट, और अमेज़न के सहयोग से किया गया है।
वर्तमान में, यह सेवा कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में उपलब्ध है। डिजिटल धोखाधड़ी की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए, गृह मंत्रालय और I4C नागरिकों की सुरक्षा के लिए सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने और साइबर सुरक्षा उपायों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
इस हेल्पलाइन का उपयोग खासकर उन यूजर्स के लिए किया जा सकता है जो साइबर हमले का शिकार हुए हैं। यह एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है, जिससे नागरिक अपनी वित्तीय सुरक्षा को सुनिश्चित कर सकते हैं।