भारत सरकार ने दूरसंचार नेटवर्क सुरक्षा, साइबर सुरक्षा और साइबर अपराध से संबंधित विभिन्न विभागों की जिम्मेदारियों का आवंटन किया है। शुक्रवार रात को कैबिनेट सचिवालय द्वारा जारी अधिसूचना में बताया गया कि भारत सरकार के कार्य आवंटन नियम 1961 में संशोधन के बाद ये बदलाव किए गए हैं। यह संशोधन संविधान के अनुच्छेद 77 के खंड तीन के अधिकार के तहत लागू किया गया है।
संचार मंत्रालय के अंतर्गत, अब दूरसंचार विभाग की जिम्मेदारी है कि वह दूरसंचार नेटवर्क सुरक्षा का निरीक्षण करे। भारत सरकार के कार्य आवंटन नियमों, 1961 में हाल ही में किए गए संशोधन ने इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को संचार मंत्रालय के दायरे में शामिल किया है। यह बदलाव दूसरी सूची में “संचार मंत्रालय” शीर्षक के तहत स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है। इससे मंत्रालय की कार्यक्षमता और सुरक्षा मानकों में वृद्धि की उम्मीद की जा रही है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को साइबर सुरक्षा मामलों में अन्य केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों को समर्थन देने की जिम्मेदारी दी गई है। यह कार्य सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 में उल्लेखित किया गया है, जिसे समय-समय पर संशोधित किया जाता रहा है। नई जिम्मेदारियां दूसरी सूची में “इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय” के अंतर्गत प्रविष्टि 5B के तहत दर्शाई गई हैं। यह बदलाव मंत्रालय की भूमिका को सशक्त करेगा और देश की साइबर सुरक्षा को बेहतर बनाने में योगदान देगा।
साइबर अपराध से संबंधित सभी मामलों को अब गृह मंत्रालय के अंतर्गत आंतरिक सुरक्षा विभाग में शामिल किया गया है। यह जिम्मेदारी दूसरी सूची में गृह मंत्रालय के तहत प्रविष्टि 36A के रूप में जोड़ी गई है। यह विभाग भविष्य में साइबर अपराध से जुड़े सभी पहलुओं का प्रबंधन करेगा, जिससे सुरक्षा उपायों को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा।
एनएससीएस क्या है?
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (एनएससीएस) प्रधानमंत्री कार्यालय का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो साइबर सुरक्षा के समग्र समन्वय और रणनीतिक दिशा प्रदान करेगा। यह जिम्मेदारी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय के तहत प्रविष्टि 3 के रूप में परिभाषित की गई है। एनएससीएस का नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करते हैं, जबकि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल इसके सचिव का कार्यभार संभालते हैं।
यह सचिवालय देश की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा से संबंधित सभी मुद्दों के लिए प्रमुख निकाय के रूप में कार्यरत है। हाल ही में परिभाषित नई भूमिकाएं भारत सरकार के कार्य आवंटन (तीन सौ सत्तावनवें संशोधन) नियम, 2024 का हिस्सा हैं, जो तत्काल प्रभाव से लागू हो गई हैं।