गोवर्धन पूजा: पूजा से पहले ‘मोहन’ ने किया गौ-वंशों का श्रृंगार, CM हाउस में हैं गायों की ये प्रजातियां
ग्वालियर: मध्य प्रदेश में गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja 2024) की तैयारियाँ जोर-शोर से चल रही हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (CM Mohan Yadav) 2 नवम्बर को ग्वालियर के लाल टिपारा स्थित आदर्श गौशाला में गोवर्धन पूजा एवं मध्य प्रदेश स्थापना दिवस के जिला स्तरीय समारोह में भाग लेने वाले हैं। इस समारोह में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे, जो इस पर्व की धूमधाम को और बढ़ाएंगे।
सरकार की तैयारियाँ: राज्य सरकार ने गोवर्धन पूजा के सामाजिक महत्व को ध्यान में रखते हुए गौशाला और गौ-वंश पालन स्थलों पर पूजा कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश जारी किए हैं। मुख्यमंत्री निवास में गोवर्धन पूजा की तैयारियों के तहत गौवंश का साज-श्रृंगार किया गया है, जिसमें प्रमुख नस्लों जैसे गिर (Gir), साहिवाल, पुंगनूर, मालवी, थारपरकर आदि गायें शामिल हैं।
सीएम का संदेश: मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस अवसर पर कहा, “जय हो मैया!” दीपावली के इस शुभ अवसर पर गौ माता की सेवा की गई। उन्होंने कहा कि गौवंश की सेवा एवं संरक्षण के लिए उनकी सरकार संकल्पित है। इसी क्रम में, 2 नवंबर को प्रदेश की सभी गौशालाओं में गोवर्धन पूजा का आयोजन किया जाएगा, जिसमें हर्षोल्लास के साथ गतिविधियाँ होंगी।
सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम: मुख्यमंत्री ने सभी गौशालाओं में गोवर्धन पूजा के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। गौवंश रक्षा वर्ष के अंतर्गत 2 नवंबर को सभी जिलों में गौ-शालाओं में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिसमें मंत्रीगण और स्थानीय जनप्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
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गोवर्धन पूजा का महत्व: यह पूजा कार्तिक माह में दीपावली के दूसरे दिन होती है और गोवर्धन पर्वत और गौधन से संबंधित होती है। इस दिन गोबर से पर्वत और बैलों की आकृतियां बनाई जाती हैं। मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में भील आदिवासी इस अवसर पर पशुओं के सामने अवदान गीत गाते हैं। हालांकि, कुछ जातियाँ जैसे गौड़ या भूमिया इस पर्व को नहीं मनातीं, लेकिन पशुपालक अहीर समुदाय इस दिन खेरदेव की पूजा करते हैं। इस अवसर पर चंद्रावली नामक कथागीत भी गाया जाता है।
उपसंहार: गोवर्धन पूजा का आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक धरोहर को भी संजोने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। सरकार इस पर्व को व्यापक रूप से मनाने के लिए कटिबद्ध है, जिससे समाज में एकता और भाईचारा बढ़ सके।