धनपुरी ,बकहो व गोहपारु समेत कुछ अन्य मंडलों में नए मंडल अध्यक्ष के चयन को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं के विरोध के स्वर उठना शुरू हो गये थे । पार्टी के सक्रीय कार्यकर्ताओं द्वारा आरोप लगाया जा रहा था कि उक्त मंडल अध्यक्षों का चयन पार्टी गाइड लाइन से परे जाकर किया गया है । इसका प्रमाण भी प्रदेश के चुनाव अधिकारी व अपील समिति के पदाधिकारियों के समक्ष रखें गये ।
जिस पर विचार मंथन के बाद यह बात सामने आई कि कुछ मंडलों के मंडल अध्यक्षों के चयन में खामियाँ हुई है । जिसे सुधारते हुए अब जिले के धनपुरी एवं गोहपारु मंडल अध्यक्ष के निर्वाचन प्रक्रिया को निरस्त कर दिया गया है । इस आशय की सूचना सबंधित जिला भाजपा कार्यालय को भेज दी गयी है । भेजी गए उक्त पत्र में जिला निर्वाचन अधिकारी के स्थान पर प्रदेश निर्वाचन अधिकारी विवेक सेजवलकर के हस्ताक्षर हैं ।
विदित हो कि शहडोल जिले मे बीते 15 दिसम्बर की रात नए मंडल अध्यक्षों की सूची जिला निर्वाचन अधिकारी अरुण कुमार द्विवेदी के हस्ताक्षर से जारी हुई थी । लेकिन सूची सामने आने के बाद भाजपा के जिला निर्वाचन अधिकारी श्री द्विवेदी के ऊपर ही आरोप लगना शुरू हो गये थे कि उन्होने चयन प्रक्रिया एवं रायशुमारी के दौरान पार्टी की गाइड लाइन की अनदेखी की थी । जिसके परिणाम स्वरूप जिले के कुछ मंडलों में अपात्र व्यक्ति का चयन मंडल अध्यक्ष के रूप में कर लिया गया था ,जिस कारण पार्टी के अंदर कार्यकर्ताओं अंदर आक्रोश पनपना शुरू हो गया था ।
घोषणा के साथ शुरू हो गया था पार्टी विरोध
विदित हो कि भाजपा मंडल धनपुरी के घोषित मंडल अध्यक्ष भोला पनिका ने नगरीय निकाय चुनाव 2022 के चुनाव मे वार्ड क्रमांक 12 से पार्षद पद के लिए घोषित भाजपा प्रत्यासी रोशन पनिका के विरोध में नगरीय निकाय चुनाव लड़ा था । जिस कारण वर्ष 2022 में उन्हें पार्टी से छः वर्ष के लिए निष्काषित कर दिया गया था । क्योंकी भोला पनिका के निर्दलीय चुनाव लड़ने की वजह से भारतीय जनता पार्टी से अधिकृत वार्ड नम्बर 12 धनपुरी से पार्षद प्रत्यासी रोशन पनिका को हार का सामना करना पड़ा था । उसके बाद दो वर्ष तक यह मामला शांत रहा लेकिन बीते 15 दिसम्बर को भाजपा मंडल अध्यक्षों की सूची में धनपुरी मंडल अध्यक्ष भोला पनिका को घोषित किया गया । पार्टी के अंदर विरोध शुरू होना शुरू हो गया था ।
पार्टी से बगावत कर लड़ा था चुनाव
मंडल अध्यक्ष के अन्य दावेदारों एवं पार्टी के लगनशील कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि पार्टी के सक्रीय कार्यकर्ताओं एवं दावेदारों के बीच एक पूर्व में निष्काषित व पार्टी से बगावत कर चुनाव लड़ने वाले व्यक्ति को किस आधार पर मंडल अध्यक्ष घोषित कर दिया गया । यह बात भी सामने आई कि जिस समय पार्टी से बगावत कर वर्तमान घोषित मंडल अध्यक्ष भोला पनिका चुनावी मैदान में उतरे थे उस वक्त पार्टी के शीर्ष पदाधिकारियों द्वारा उन्हें समझाइश देते हुए अपना नाम निर्दलीय पार्षद प्रत्यासी से वापस लेकर भाजपा प्रत्यासी के पक्ष में साथ देने की बातें कही गयी थी । लेकिन पार्टी के सभी वरिष्ठों की बातों को नजर अंदाज कर भोला पनिका चुनावी मैदान में जमे रहे । जिसके परिणाम स्वरूप उन्हें वर्ष 2022 में भारतीय जनता पार्टी से 6 वर्ष के लिए निष्काषित कर दिया गया था । इसके बाद पार्टी में उनकी वापसी को लेकर भी तरह तरह की चर्चाए चल रही थी ।
इसके साथ साथ गोहपारु में रामनारायण मिश्रा को मंडल अध्यक्ष की कमान सौंपी गयी थी ,उनका भी पार्टी के अंदर जमकर विरोध हो रहा था । श्री मिश्रा के चयन को लेकर भी पार्टी कार्यकर्ताओं के अंदर आक्रोश था । इसका विरोध जिला स्तर से लेकर भोपाल तक जाकर पार्टी के शीर्ष नेतृत्त्व तक किया गया था । इस विरोध को जायज़ मानते हुए अपील समिति द्वारा सारे तथ्यों को ध्यान में रखकर यहाँ के मंडल अध्यक्ष निर्वाचन को भी निरस्त कर दिया है । सूत्रों के अनुसार प्रदेश के करीब 50 नए मंडल अध्यक्षों के निर्वाचन प्रक्रिया को निरस्त कर दिया गया है । अब जिलाध्यक्ष के चयन उपरान्त इन मंडलों में नए मंडल अध्यक्ष का चयन विधिवत पार्टी गाइड लाइन के अनुसार किए जाने की जानकारी मिली है ।