अगर आप भी लंबे समय तक एक जगह बैठकर काम करते हैं, तो आपको “Dead Butt Syndrome” के बारे में जरूर जानना चाहिए। ये प्रॉब्लम तब होती है जब आपकी हिप्स लंबे समय तक एक्टिव नहीं रहती, जिससे वे सुन्न हो जाती हैं। इसके अलावा पैरों और घुटनों में दर्द की समस्या भी शुरू हो सकती है। अगर आप इसे इग्नोर करते हैं, तो ये एक बड़ी परेशानी बन सकती है। चलिए, जानते हैं Dead Butt Syndrome क्या है, इसके कारण और इससे बचने के उपाय।
Dead Butt Syndrome क्या है?
Dead Butt Syndrome, जिसे मेडिकल टर्म में “ग्लूटियल एम्नेसिया” भी कहा जाता है, तब होता है जब आपके ग्लूटस मसल्स (hip muscles) लंबे समय तक एक्टिव नहीं रहतीं। शुरुआत में इसके लक्षण बहुत हल्के होते हैं, जैसे कि हल्का दर्द या थोड़ी असुविधा, लेकिन समय के साथ यह बढ़ने लगती है। आपको पीठ के निचले हिस्से में दर्द, हिप्स और पैरों में कमजोरी और खिंचाव महसूस हो सकता है। यहां तक कि धीरे-धीरे आपको चलने और खड़े होने में भी दिक्कत आने लगती है। यह एक गंभीर स्थिति हो सकती है अगर इसे समय रहते हैंडल नहीं किया गया।
Dead Butt Syndrome कैसे होता है?
इस सिंड्रोम का सबसे बड़ा कारण है एक ही पोजिशन में लंबे समय तक बैठे रहना। जैसे कि ऑफिस में एक ही जगह 6-7 घंटों तक बैठकर काम करना या लंबे समय तक बिना ब्रेक लिए ड्राइविंग करना। Covid-19 के समय में, जब वर्क फ्रॉम होम कल्चर बहुत बढ़ गया था, इस बीमारी के मामले काफी देखने को मिले थे। लोग घंटों तक लैपटॉप के सामने बैठे रहते थे, जिससे हिप्स की मसल्स कमजोर हो जाती हैं और ब्लड सर्कुलेशन में भी परेशानी आती है। अब जब लोग वापस ऑफिस जा रहे हैं, तो भी यह समस्या लोगों में देखी जा रही है।
इस कंडीशन में हिप्स की मसल्स सुन्न पड़ जाती हैं और धीरे-धीरे आपको ऐसा महसूस होता है कि हिप्स का सहारा लेकर कोई काम करना मुश्किल हो रहा है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब आप एक ही जगह लंबे समय तक बैठे रहते हैं, तो हिप्स की मसल्स ‘काम करना’ भूल जाती हैं। इसीलिए इसे “ग्लूटियल एम्नेसिया” कहा जाता है, यानी मसल्स को भूलने की बीमारी।
डेड बट सिंड्रोम के लक्षण
अगर आप Dead Butt Syndrome से परेशान हैं, तो आपके शरीर में कुछ लक्षण नजर आ सकते हैं। इन लक्षणों को इग्नोर न करें:
- पीठ के निचले हिस्से में दर्द
- घुटनों और एड़ियों में दर्द महसूस होना
- हिप्स में खिंचाव या स्ट्रेन महसूस करना
- हिप्स के निचले हिस्से में झनझनाहट होना
- कूल्हों के आसपास सुन्नपन, जलन या दर्द का बना रहना
ये लक्षण दिखने पर तुरंत अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करें और डॉक्टर से सलाह लें।
इस समस्या से बचने के उपाय
अब जब आप Dead Butt Syndrome के बारे में जान गए हैं, तो इससे बचने के कुछ उपाय भी जानना जरूरी है। इससे बचने के लिए सबसे जरूरी है कि आप अपनी लाइफस्टाइल में कुछ छोटे-छोटे बदलाव करें:
- रोजाना एक्सरसाइज करें: हिप्स और पैरों की मसल्स को स्ट्रॉन्ग रखने के लिए रोजाना एक्सरसाइज बहुत जरूरी है। ग्लूटस मसल्स को टोन करने के लिए स्क्वैट्स और ब्रिज एक्सरसाइज ट्राई कर सकते हैं।
- लगातार बैठे न रहें: एक ही जगह पर लंबे समय तक न बैठें। हर 30 मिनट में थोड़ा चलें, स्ट्रेचिंग करें या फिर कुछ देर खड़े रहें।
- ऑफिस में गैप लें: अगर आप ऑफिस में काम कर रहे हैं, तो हर घंटे में 5 मिनट का ब्रेक लें। इस ब्रेक में थोड़ा वॉक करें या अपनी बॉडी को स्ट्रेच करें।
- सही पोजिशन में बैठें: बैठने का सही पोजिशन भी बहुत जरूरी है। हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि आपकी रीढ़ सीधी हो और आपके पैर फर्श पर आराम से टिके हों। कुर्सी पर बैठते वक्त बैक सपोर्ट का इस्तेमाल करें।
- खेलों में भाग लें: ऐसे खेल खेलें जिनमें शारीरिक गतिविधि ज्यादा हो, जैसे टेनिस, बास्केटबॉल या फिर स्विमिंग। इससे हिप्स की मसल्स एक्टिव रहेंगी और Dead Butt Syndrome की प्रॉब्लम से बचा जा सकता है।
निष्कर्ष
Dead Butt Syndrome एक ऐसी समस्या है, जो ज्यादातर उन लोगों में होती है जो लंबे समय तक बैठे रहते हैं। हालांकि, यह सुनने में भले ही साधारण लगे, लेकिन अगर इसे नजरअंदाज किया जाए, तो यह बड़ी परेशानी बन सकती है। इसके लक्षणों को पहचानें और अपनी दिनचर्या में बदलाव लाकर इससे बचें। नियमित एक्सरसाइज, बैठने की सही पोजिशन और एक्टिव लाइफस्टाइल आपको इस प्रॉब्लम से दूर रख सकती है।