आरोपियों से पूछताछ के बाद बंधक बनकार रखे गये 21 नग मवेशियों को भी मुक्त कराया गया है । कार्यवाही के सम्बन्ध में कोतमा थाना पुलिस ने बताया कि बीते 2 एवं 3 मई की दरम्यानी रात को कोतमा नगरवासियों से सूचना मिली कि पशु तस्करों द्वारा पशु तस्करी किया जाना है। सूचना पर मौके से नगरवासियों के साथ मुखबिर सूचना की तस्दीक हेतु पहुंचे तो तस्करो द्वारा पुलिस को देखकर भागने लगे। गुरूकृपा ढाबा के पास वाजिद खान के मकान में कुछ संदिग्ध व्यक्ति मिले। जिनका नाम पता पूछने पर अपना नाम मुस्तहीफ खान पिता वकील खान उम्र 21 वर्ष निवासी ग्राम उमरपुर थाना बुढाना जिला मुज्फरनगर (उ.प्र.), बताया गया । उससे पूछताछ की गयी तो बताया गया कि अब्दुल रहमान उर्फ बल्लू पिता इखलाख उर्फ लाखू खान निवासी मुज्फरनगर, एवं वाजिद खान पिता इखलाख उर्फ लाखू खान निवासी मुजफ्फर नगर हाल कोतमा के लिये वह मोहम्मद नसीम पिता समसुद्दीन निवासी सतना के साथ रहकर पशु तस्करी का काम करता है ।
मकान से मिली पिस्टल व कारतूस
जब मौके पर मौजूद वाजिद खान के मकान को चेक करने पर मकान के अंदर कच्चा मांस 2 किलो ग्राम एवं आलमारी में एक अदद पिस्टल व एक जिन्दा कारतूश के साथ एक काले कलर की पल्सर मोटर सायकल बिना नंबर, सफेद कलर स्विफ्ट कार पाई गयी ,जिसे जप्त किया गया। आरोपियों का कृत्य धारा 25,27 आर्म्स एक्ट के तहत पाए जाने से आरोपी .मुस्तहीफ खान,.नसीम खान,. वाजिद खान एवं बल्लू उर्फ अब्दुल रहमान खान के खिलाफ मामला कायम कर कुल मशरूका 6 लाख 60 हजार 5सौ रूपये का जप्त किया गया ।
बंधक बनाकर रखे गये थे मवेशी
साथ ही गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ करने पर आरोपियों की निशानदेही में ग्राम बसखली खेत से 21 नग भैसा बिना चारा भूसा पानी के नायलोन की रस्सियों में क्रूरता पूर्वक बल्लू खान, वाजिद खान के लोगों के द्वारा बांधना बताने पर मौके से मवेशी 21 नग कीमती 5 लाख , 25हजार रूपया जप्त कर आरोपी .मुस्तहीफ खान, नसीम खान,वाजिद खान एवं बल्लू खान के विरुद्ध धारा 1 1घ,ड.च पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण अधि. एवं 6(क),10 म. प्र. कृषक पशु परिरक्षण अधि. के तहत कायम कर विवेचना में लिया गया । इस प्रकार दोनों मामलों में आरोपियों के पास से कुल 11 लाख 85 हजार का मशरूका जप्त किया गया । उक्त कार्यवाही में थाना प्रभारी निरीक्षक . सुन्द्रेश सिंह,उप निरीक्षक ,सहायक उप निरीक्षक बृजेश कुमार पाण्डेय, प्रधान .आरक्षक . विवेक त्रिपाठी, प्रधान आरक्षक संजीव त्रिपाठी,आरक्षक संजय व्दिवेदी ,व धर्मेन्द्र जाटव की महत्वपूर्ण भूमिका रही ।
पुलिस को क्यों नही लगती भनक ?
उक्त कार्यवाही के बाद तरह तरह की चर्चाए आमजन के बीच की जा रही है । लोगों का कहना है कि आखिर पुलिस जोन शहडोल के अनूपपुर एवं शहडोल जिले के कुछ थाना क्षेत्रों में एक लम्बे अरसे से पशु तस्करी का खेल चल रहा है ,लेकिन इसकी जानकारी आखिर पुलिस को कैसे नहीं लग पा रही है । ऐसा भी नहीं है कि इतनी संख्या में मवेशी को जेब में भरकर तस्करी करने से पुलिस को इसका पता नहीं चल पाता है । इससे स्पष्ट है कि अनूपपुर जिले के कोतमा एवं शहडोल जिले की केशवाही चौकी समेत अन्य थाना के कुछ पुलिस कर्मियों की इस अवैध कारोबार में संलिप्प्त्ता है ,जिसकी जांच वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कराई जानी चाहिए।