Amarkantak Road में मुख्य मार्ग के किनारे एक मकान में चोरी की वारदात को अंजाम दिया था । जिसकी शिकायत आज फरियादी द्वारा थाने में दर्ज कराई गयी थी । शिकायत मिलते ही पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी का पता लगाते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया ।
जानकारी के अनुसार Amarkantak Road इमाम बाड़ा धनपुरी के पास रहने वाले राजेश कुमार उर्फ़ राजा कश्यप के द्वारा आज 2 दिसम्बर को थाना धनपुरी आकर शिकायत दर्ज कराते हुए बताया गया कि बीते 30 नवम्बर की दरम्यानी रात्रि अज्ञात चोर घर में घुसकर अलमारी में रखा कैमरा, सोने का मंगलसूत्र, चाँदी की दो पायल व नगदी 11,हजार रूपये कुल कीमती 20 हजार रूपये का सामान चोरी कर ले गया है। रिपोर्ट पर अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया ।
मुखबिर का बिछाया जाल
पुलिस ने शिकायत के बाद तत्काल ही मुखबिर का जाल बिछाकर जानकारी जुटाई,जिस पर पता चला कि नगर का एक शातिर चोर सुधाकर उर्फ घिस्सू काछी पिता स्व. सुरेश प्रसाद कुशवाहा उम्र 38 साल निवासी कच्छी मोहल्ला धनपुरी कुछ दिन पहले ही जेल से छूटकर बाहर आया है ।संभवतः उसने इस वारदात को अंजाम दिया है । मुखबिर से प्राप्त सूचना के बाद तत्काल ही पुलिस एक्शन मोड मा गयी और चंद घंटों में शातिर चोर पुलिस के हत्थे चढ़ गया । पूछताछ में पहले तो वह न नुकर करता रहा लेकिन जब पुलिस ने हिकमत अमली के साथ पूछताछ शुरू की तो उसने चोरी की वारदात को अंजाम देना क़ुबूल कर लिया । आरोपी की निशान देही पर उसके कब्जे से चोरी किया गया सोने का मंगलसूत्र एवं 10 हजार रुपए रूपये नगदी बरामद किया गया है ।
आरोपी की माँ ने भी दर्ज कराई शिकायत
पुलिस ने बताया कि पकड़ा गया आरोपी शातिर बदमाश है वह अपनी माँ के साथ भी मारपीट करता है । जिसके बाद तंग होकर माँ ने सोमवार को थाने में शिकायत दर्ज कराई । उसने बताया कि उसका लड़का सुधाकर उर्फ घिस्सू काछी आद्द्तन बदमाश और शराबी है । बीते 29 नवम्बर को शराब पीने के लिये पैसों की माँग कर रहा था ,जब मैंने पैसे देने से मना कर दिया तो मेरे साथ मारपीट करते हुए जान से मारने की धमकी देने लगा । फरियादिया की रिपोर्ट पर उक्त आरोपी के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध गया।
इनकी रही सराहनीय भूमिका
उक्त कार्यवाही में थाना प्रभारी धनपुरी निरीक्षक के नेतृत्व में उपनिरीक्षक नागेन्द्र प्रताप सिंह,
सहायक उप निरीक्षक भारत सिंह, राजाभइया बागरी, प्रधान आरक्षक गजेन्द्र सिंह, राजू प्रसाद, आरक्षक अजय सिंह एवं सतवंतकुमार की महत्वपूर्ण भूमिका रही ।