सीएम ने कहा, “तमिल में एक पुरानी कहावत है, ‘पधिनारुम पेत्रु पेरु वज्वि वज्गा’, जो दंपतियों को 16 संतान होने और संपन्न जीवन की कामना करता है। लेकिन आज के हालात को देखते हुए सवाल उठता है कि हम खुद को कम बच्चे पैदा करने तक ही क्यों सीमित रखें? क्यों न हम 16 बच्चों का लक्ष्य रखें?”हालाकि उनके इस बयान को लेकर अब विपक्ष ताने मारना शरू कर दिया है ।
रिपोर्ट के बाद आ रहें बयान
केंद्र की “यूथ इन इंडिया-2022” रिपोर्ट के अनुसार, 2036 तक देश की केवल 34.55 करोड़ आबादी ही युवा होगी, जबकि फिलहाल यह आंकड़ा 47 फीसदी से ज्यादा है। रिपोर्ट के अनुसार, अभी देश में 15 से 25 साल के बीच 25 करोड़ युवा हैं, लेकिन अगले 15 साल में यह संख्या तेजी से घटेगी। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद दो राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बच्चे पैदा करने को लेकर बयान सामने आ चुके हैं
चंद्रबाबू नायडू ने भी दिया था बयान
सीएम स्टालिन से पहले आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने जनसंख्या दर बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “मैंने पहले जनसंख्या नियंत्रण का समर्थन किया था, लेकिन अब हमें भविष्य के लिए जन्म दर को बढ़ाने की आवश्यकता है। राज्य सरकार एक कानून लाने की योजना बना रही है, जिसके तहत केवल दो या उससे अधिक बच्चों वाले लोग ही स्थानीय निकाय चुनाव लड़ सकेंगे।” देश में औसत प्रजनन दर जहां 2.1 है, जो चिंता का विषय नहीं है, वहीं दक्षिणी राज्यों में यह आंकड़ा गिरकर 1.6 तक पहुंच गया है, जो चिंता का विषय है।
भारत में घट रही युवा आबादी
केंद्र की “यूथ इन इंडिया-2022” रिपोर्ट के अनुसार, 2036 तक देश में केवल 34.55 करोड़ युवा होंगे। अभी देश में 15 से 25 साल के 25 करोड़ युवा हैं, लेकिन अगले 15 साल में यह संख्या और घट जाएगी। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) की इंडिया एजिंग रिपोर्ट 2023 के अनुसार, 2011 में भारत में युवा आबादी की औसत उम्र 24 साल थी, जो अब 29 साल हो गई है। 2036 तक भारत में बुजुर्ग आबादी 12.5 फीसदी, 2050 तक 19.4 फीसदी और सदी के अंत तक 36 फीसदी तक पहुंचने की संभावना है। यह चिंता का भी विषय है ।