चुनाव आयोग ने बताया कि राजस्थान की ऑल इंडिया बिश्नोई महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने चुनाव की तारीख बदलने की मांग की थी। उनका कहना था कि पंजाब, राजस्थान और हरियाणा के कई परिवार गुरु जम्भेश्वर की स्मृति में बीकानेर जिले के मुकाम गांव में ‘असोज’ महीने की अमावस्या पर होने वाले वार्षिक उत्सव में शामिल होते हैं।इस साल यह उत्सव 2 अक्टूबर को पड़ रहा है, जिससे सिरसा, फतेहाबाद और हिसार के हजारों बिश्नोई परिवार 1 अक्टूबर को राजस्थान में होंगे और मतदान नहीं कर पाएंगे।
बिश्नोई समाज का 11 विधानसभा क्षेत्रों में प्रभाव:
बिश्नोई समाज की वेबसाइट के अनुसार, भिवानी, हिसार, सिरसा और फतेहाबाद जिलों के बिश्नोई बहुल गांवों का प्रभाव लगभग 11 विधानसभा क्षेत्रों में है, जिनमें करीब डेढ़ लाख वोट हैं। इसमें आदमपुर, उकलाना, नलवा, हिसार, बरवाला, फतेहाबाद, टोहाना, सिरसा, डबवाली, ऐलनाबाद और लोहारू शामिल हैं।
तारीख बदलने के समर्थन में भेजे गए तीन पत्र…
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली:
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कहा कि 28 और 29 सितंबर को शनिवार और रविवार है, 1 अक्टूबर को मतदान और 2 अक्टूबर को गांधी जयंती तथा 3 अक्टूबर को अग्रसेन जयंती की छुट्टी है। इतने लंबे अवकाश में मतदाता बाहर घूमने जा सकते हैं, जिससे मतदान प्रभावित हो सकता है।
बड़ौली ने पत्र में यह भी बताया कि 2 अक्टूबर को राजस्थान में मुकाम धाम में असोज का मेला है, जिसमें राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और दिल्ली से लोग आते हैं। हरियाणा में बिश्नोई समाज की बड़ी संख्या है, जिससे मतदान प्रभावित हो सकता है।
INLD के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला:
INLD महासचिव अभय सिंह चौटाला ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर 1 अक्टूबर को होने वाले मतदान की तारीख को आगे बढ़ाने की मांग का समर्थन किया था। उन्होंने लिखा कि लोग आमतौर पर वीकेंड पर छुट्टियों पर जाते हैं, जिससे मतदान प्रभावित होगा और मतदान प्रतिशत में 15 से 20 प्रतिशत की कमी हो सकती है।
इसके अलावा चुनाव कर्मचारियों के प्रशिक्षण और तैयारी पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। इसलिए, हरियाणा में मतदाताओं की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए मतदान की तारीख एक या दो सप्ताह तक बढ़ाई जाए।
अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा:
अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा ने भी मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर चुनाव की तारीख बदलने की मांग की थी। महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बुडिया ने बताया कि 1 अक्टूबर को राजस्थान के बीकानेर में बिश्नोई समाज का बड़ा धार्मिक मेला है। ऐसे में चुनाव की तारीख बदल दी जाए।
तारीख बदलने के विरोध में दो दलों की प्रतिक्रिया:
हरियाणा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने कहा कि भाजपा चुनाव से बचने के लिए छुट्टियों का बहाना बना रही है, क्योंकि भाजपा जानती है कि जनता ने उन्हें सत्ता से हटाने का मन बना लिया है।हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री और JJP नेता दुष्यंत चौटाला ने कहा कि समय से पहले चुनाव की घोषणा से भाजपा डर गई है और अब हार के डर से मतदान की तारीख आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही है। भाजपा का जनाधार गिर चुका है और वह 20 सीटें भी नहीं जीत पाएगी।
पहले भी 3 राज्यों में बदली गई थी चुनाव की तारीखें:
राजस्थान: 2023 के अंत में विधानसभा चुनाव के लिए 23 नवंबर को मतदान की घोषणा की गई थी, लेकिन इस दिन विवाह समारोह होने के कारण तारीख को 25 नवंबर कर दिया गया था।
मिजोरम: यहां चुनाव आयोग ने मतगणना की तारीख 3 दिसंबर से बदलकर 4 दिसंबर कर दी थी, क्योंकि उस दिन ईसाइयों का पवित्र दिन था।
सिक्किम-अरुणाचल प्रदेश: इन राज्यों में भी मतदान की तारीख 4 जून से बदलकर 2 जून कर दी गई थी।