यमन के हूती विद्रोही: अमेरिका क्यों कर रहा हमला?
हूती विद्रोही और लाल सागर में बढ़ते हमले
नवंबर 2023 से अक्टूबर 2024 के बीच हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में 190 से ज्यादा हमले किए हैं। इन हमलों की वजह से अमेरिका और ब्रिटेन ने मिलकर हूती विद्रोहियों के खिलाफ हवाई और नौसैनिक कार्रवाई की। इसके अलावा, इजरायल भी कई बार हूती विद्रोहियों को निशाना बना चुका है। अमेरिका ने अब एक बार फिर हूती ठिकानों पर हवाई हमले किए हैं।
अमेरिका ने क्यों किया हमला?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि हूती विद्रोहियों ने अमेरिकी जहाजों और सैनिकों को निशाना बनाया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि हूती विद्रोहियों को ईरान से आर्थिक मदद मिल रही है और वे समुद्री डकैती, हिंसा और आतंक फैला रहे हैं, जिससे अरबों डॉलर का नुकसान हो रहा है। अमेरिका के हवाई हमलों में कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई और 9 लोग घायल हुए हैं।
ट्रंप की चेतावनी: ‘विनाश की बारिश होगी’
डोनाल्ड ट्रंप ने हूती विद्रोहियों को चेतावनी देते हुए कहा, “अगर वे नहीं रुके, तो उन पर विनाश की ऐसी बारिश होगी जैसी पहले कभी नहीं देखी गई।” हालांकि, हूती विद्रोहियों ने अमेरिका की इस चेतावनी को नजरअंदाज कर दिया और कहा कि वे फलिस्तीनियों का समर्थन जारी रखेंगे।
हूती विद्रोही कौन हैं?
हूती विद्रोही यमन के अल्पसंख्यक शिया जैदी समुदाय से आते हैं। इस समूह का गठन 1990 में तत्कालीन राष्ट्रपति अली अब्दुल्लाह सालेह के खिलाफ किया गया था। इसका नाम इसके संस्थापक हुसैन अली हूती के नाम पर रखा गया। हूती विद्रोही खुद को ‘अंसार अल्लाह’ यानी ‘ईश्वर के साथी’ भी कहते हैं।
ईरान पर हथियार सप्लाई का आरोप
हूती विद्रोही खुद को ईरान का सहयोगी मानते हैं और उनका सबसे बड़ा दुश्मन सऊदी अरब है। अमेरिका और सऊदी अरब का दावा है कि ईरान हूती विद्रोहियों को बैलिस्टिक मिसाइलें और अन्य हथियार उपलब्ध करा रहा है। अमेरिका का मानना है कि हूती विद्रोही ईरान के समर्थन से ही लाल सागर में हमले कर रहे हैं।
हूती संकट: आगे क्या होगा?
अमेरिका और हूती विद्रोहियों के बीच टकराव लगातार बढ़ रहा है। ट्रंप की चेतावनी के बावजूद हूती विद्रोही अपने हमले रोकने के लिए तैयार नहीं हैं। ऐसे में यह देखना होगा कि आने वाले दिनों में यह संघर्ष कितना गहरा होता है और क्या इससे मध्य पूर्व में हालात और ज्यादा बिगड़ सकते हैं।