सोशल मीडिया पर हुई दोस्ती में मिला धोखा, महिला को प्रेग्नेंट कर भागा प्रेमी, अब रोते हुए पहुंची थाने
ग्वालियर में महिला के साथ हुई धोखाधड़ी और शारीरिक शोषण
मध्यप्रदेश के ग्वालियर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला को सोशल मीडिया पर दोस्ती के नाम पर धोखा मिला। महिला ने एक युवक से प्यार किया और उसे अपनी जिंदगी का साथी मान लिया, लेकिन युवक ने शादी का झांसा देकर उसका शारीरिक शोषण किया और फिर महिला के प्रेग्नेंट होने पर भाग गया। अब, महिला की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया है।
महिला का दर्द और धोखा
ग्वालियर के जनकगंज थाने क्षेत्र में एक महिला ने पुलिस को बताया कि उसकी शादी 11 साल पहले हुई थी, लेकिन पति से तालमेल न बैठने के कारण वह दो महीने बाद ही उससे अलग हो गई। फिर, उसने दूसरी शादी करने का सोचा, लेकिन दूसरी शादी में भी उसे निराशा ही हाथ लगी और वह फिर से अकेली हो गई। इसके बाद, महिला ने सोशल मीडिया पर अपने लिए दोस्त बनाया, जिसे बाद में उसने अपना प्रेमी मान लिया।
युवक ने शादी का झांसा दिया और किया शारीरिक शोषण
महिला ने पुलिस को बताया कि दो साल पहले उसकी दोस्ती ग्वालियर के आतंरी निवासी कमल किशोर राजपूत से हुई थी। कमल ने उसे बताया कि वह कुंवारा है और शादी करने का प्रस्ताव दिया। उसने महिला से वादा किया कि वह हमेशा उसके साथ रहेगा और उसका ख्याल रखेगा। इसके बाद दोनों एक साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहने लगे। लेकिन इस दौरान युवक ने महिला का शारीरिक शोषण किया।
प्रेग्नेंट होने के बाद युवक फरार
जब महिला प्रेग्नेंट हो गई, तो युवक ने उससे शादी करने से मना कर दिया और अचानक गायब हो गया। महिला ने जब युवक के बारे में जानकारी जुटाई तो उसने पाया कि वह युवक पहले से शादीशुदा था और उसका एक बच्चा भी था। यह जानकर महिला को समझ में आया कि उसे धोखा दिया गया था।
पुलिस ने किया आरोपी को गिरफ्तार
महिला ने अब थाने पहुंचकर युवक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी कमल की तलाश शुरू की और उसे गिरफ्तार कर लिया। कमल के खिलाफ दुष्कर्म और अन्य गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। महिला को न्याय दिलाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, और आरोपी युवक को कठोर सजा दिलाने की कोशिश की जा रही है।
यह घटना सोशल मीडिया पर दोस्ती और रिश्तों के बीच होने वाले धोखे को उजागर करती है, जिससे लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।