Rohit Sharma- Middle-order Batter: एक नई शुरुआत
Rohit Sharma का टेस्ट क्रिकेट में प्रदर्शन हमेशा उतार-चढ़ाव भरा रहा है। 2018-19 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उन्होंने अपनी बैटिंग से सबको प्रभावित किया था, जहां वे तेज गेंदबाजों के खिलाफ बेहतरीन खेल दिखाते थे, लेकिन नाथन लायन के खिलाफ उनका खेल कुछ और ही कहानी सुनाता था। लायन के सामने वे अक्सर बड़ी शॉट्स खेलने के चक्कर में गलत शॉट खेलकर आउट हो जाते थे। यही उनकी टेस्ट क्रिकेट में पहचान बन गई थी — सेट होकर भी जल्दी आउट हो जाना।
Rohit Sharma का आखिरी टेस्ट दौरा
वह दौरा रोहित का आखिरी टेस्ट दौरा था, और तीसरे मैच में उन्होंने नाबाद 63 रन बनाए, जो अब तक उनके लिए ऑस्ट्रेलिया में सबसे बड़ी पारी है। इसके बाद वे अपनी पत्नी के पास अपने पहले बच्चे के जन्म के लिए लौटे थे। इसके बाद से रोहित शर्मा का मिडल-ऑर्डर बैटर के तौर पर टेस्ट क्रिकेट में कोई खास जिक्र नहीं हुआ।
टेस्ट क्रिकेट में वापसी
अब फिर से टेस्ट क्रिकेट में उनका मिडल-ऑर्डर बैटर के रूप में लौटने का समय आ चुका है। भारत जब सोमवार को एडिलेड पहुँचा, तो उनके पास तीन दिन का समय था ताकि वे अपनी अंतिम प्लेइंग इलेवन तय कर सकें। सबसे बड़ा सवाल यह था कि क्या वे राहुल और जयस्वाल को ओपनिंग के लिए साथ रखेंगे या रोहित को वापस ओपनिंग में भेजेंगे। यह मुद्दा इसलिए खड़ा हुआ क्योंकि पिछले कुछ वर्षों से रोहित ओपनिंग कर रहे हैं और यह बदलाव अहम होगा।
नए जोश के साथ रोहित की वापसी
Rohit Sharmaने कंबिनेशन मैच में खेलने के दौरान खुद को अच्छे मूड में पाया। पिता बनने के बाद उनकी आत्मा में एक नया जोश आया है। उन्होंने कमरा ओवल में फील्डिंग करते हुए बेहतरीन खेल दिखाया और साफ नजर आया कि वे अब पहले जैसे नहीं हैं। अब तक की उनकी स्थिति और सोच यह बताती है कि अगर टीम के भले के लिए ओपनिंग का जिम्मा किसी और को सौंपना पड़े, तो वे उसे स्वीकार करेंगे।
भारत के लिए एक नए रास्ते की शुरुआत
भारत के पास पहले से ही अच्छा अनुभव और आत्मविश्वास है। राहुल और जयस्वाल ने पहले ही पर्थ में भारत के लिए महत्वपूर्ण साझेदारी की थी। यदि रोहित मिडल-ऑर्डर में जाते हैं, तो इससे उन्हें अपना बैटिंग रिदम फिर से पकड़ने का मौका मिलेगा। नए पिंक बॉल के सामने उन्हें जोखिम से बचने के लिए यह कदम सही हो सकता है, क्योंकि इस बॉल से ज्यादा स्विंग होता है, लेकिन कुछ ओवर के बाद यह नरम भी हो जाता है, जिससे रोहित के जैसे शॉट्स खेलने वाले बैटर के लिए फायदा हो सकता है।
भविष्य की दिशा
भारत ने पहले ही कई चुनौतीपूर्ण फैसले लिए हैं और अब ये देखना दिलचस्प होगा कि कप्तान रोहित शर्मा खुद को एक बार फिर मिडल-ऑर्डर बैटर के रूप में साबित करेंगे।