Pradhan Mantri Fasal Bima Yojna: मोदी सरकार ने किसानों को दिया 69 हजार 515.71 करोड़ रुपये का तोहफा
नए साल पर Modi government ने किसानों के लिए एक अहम फैसला लिया है, जिसके तहत Pradhan Mantri Fasal Bima Yojna (PMFBY) और मौसम आधारित फसल बीमा योजना को 2025-26 तक जारी रखने का निर्णय लिया गया है। इस योजना के लिए 69 हजार 515.71 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया गया है, जो किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा कवच प्रदान करेगा। यह निर्णय केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में लिया गया।
Pradhan Mantri Fasal Bima Yojna में क्या है नया?
Pradhan Mantri Fasal Bima Yojna 2016 में संशोधित की गई थी, जिससे यह किसानों के लिए और भी लाभकारी बन गई है। पहले केवल वे किसान ही इस योजना का लाभ उठा सकते थे, जिन्होंने कृषि ऋण लिया हो। अब इस योजना की कवरेज को और भी विस्तृत किया गया है, और इसकी इकाई को ब्लॉक या तहसील के बजाय गांव या ग्राम पंचायत कर दिया गया है। इससे यदि किसी गांव में फसल खराब होती है, तो वहां के सभी किसानों को बीमा का लाभ मिल सकेगा।
फसल बीमा के तहत कवरेज
इस योजना के तहत फसल बीमा का कवरेज बुवाई से लेकर कटाई तक होगा। यदि बीज बोने के बाद प्राकृतिक आपदाओं, जैसे बारिश या सूखा, के कारण फसल खराब होती है, तो किसान को बीमा का क्लेम मिलेगा। इसके अलावा, कटाई के बाद फसल में खराबी होने पर, जैसे बारिश से फसल भीगना, तो भी किसानों को बीमा का लाभ मिलेगा।
डीएपी के अग्रिम भंडारण पर ध्यान (DAP Subsidy)
Modi government ने इस बार डाय-अमोनियम फॉस्फेट (DAP) का अग्रिम भंडारण सुनिश्चित करने का फैसला लिया है। किसानों को 50 किलो के डीएपी बैग 1350 रुपये की रियायती दर पर उपलब्ध होंगे, जबकि इनकी वास्तविक लागत 2433 रुपये है। इस प्रकार सरकार प्रति बैग 1043 रुपये की सब्सिडी देगी। इसके लिए 3850 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जिससे किसानों को समय पर और सस्ते मूल्य पर डीएपी मिल सकेगा। पिछले साल की आपूर्ति में हुई देरी को ध्यान में रखते हुए, इस बार अंतरराष्ट्रीय आयात को अग्रिम रूप से सुनिश्चित किया गया है।
चावल निर्यात को बढ़ावा
सरकार ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिसके तहत इंडोनेशिया के साथ एक समझौता किया गया है। इसके तहत भारत, इंडोनेशिया को एक मिलियन मीट्रिक टन गैर-बासमती सफेद चावल का निर्यात करेगा। इससे भारतीय किसानों को उनके चावल की बेहतर कीमत मिलेगी। इसके अलावा, चावल के न्यूनतम निर्यात मूल्य (Minimum Export Price) की शर्त भी हटा दी गई है, जिससे निर्यात में आसानी होगी और किसानों को फायदा होगा।
कृषि क्षेत्र में बढ़ोतरी
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि कृषि और संबंधित क्षेत्रों की विकास दर 3.50% से 4% के बीच रहने की संभावना है। यह किसानों के लिए सकारात्मक संकेत है, जो भारत की कृषि क्षमता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस नए साल को किसानों के लिए समर्पित किया है और सरकार ने फसल बीमा योजना की अवधि बढ़ाने, डीएपी का अग्रिम भंडारण और चावल निर्यात को बढ़ावा देने जैसे तीन बड़े फैसलों के जरिए किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
निष्कर्ष
इन फैसलों से यह स्पष्ट होता है कि Modi government किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। Pradhan Mantri Fasal Bima Yojna के विस्तार, डीएपी के सस्ते भंडारण, और चावल के निर्यात को बढ़ावा देने जैसे कदमों से किसानों को महत्वपूर्ण लाभ मिलेगा, जिससे उनके आर्थिक हालात में सुधार होगा और कृषि क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलेगा।