भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। पड़ोसी मुल्क को यह डर सता रहा है कि भारत उसकी हरकतों का कड़ा जवाब दे सकता है। इसी डर के माहौल में पाकिस्तान के नेताओं ने परमाणु युद्ध की धमकी तक दे डाली है। सीमा पर भी दोनों देशों के बीच हालात बेहद तनावपूर्ण बने हुए हैं।
आर्थिक मोर्चे पर भी पाकिस्तान की हालत खराब
एक तरफ पाकिस्तान भारत से तनातनी बढ़ा रहा है, वहीं दूसरी तरफ उसकी अर्थव्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है। महंगाई, बेरोजगारी और विदेशी कर्ज के भारी बोझ ने पाकिस्तान की कमर तोड़ दी है। इस बीच पाकिस्तान ने अपनी बिगड़ी आर्थिक स्थिति को संभालने के लिए एक बार फिर अपने पुराने साथी चीन से मदद मांगी है।
चीन से मांगा 10 अरब युआन का कर्ज
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान ने चीन से 10 अरब युआन यानी करीब 11,724 करोड़ रुपये के कर्ज की मांग की है। इस बात की पुष्टि पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने एक साक्षात्कार में की है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान ने अपनी मौजूदा स्वैप लाइन को बढ़ाकर 10 अरब युआन तक करने का अनुरोध किया है। इसके अलावा, पाकिस्तान इस साल के अंत तक पांडा बॉन्ड भी जारी करने की योजना बना रहा है।
क्या होती है स्वैप लाइन?
स्वैप लाइन दो देशों के बीच एक विशेष व्यवस्था होती है, जिसके तहत उनके केंद्रीय बैंक एक-दूसरे की मुद्राओं का आदान-प्रदान करते हैं। इससे एक देश को जरूरत पड़ने पर विदेशी मुद्रा की उपलब्धता सुनिश्चित होती है। पाकिस्तान के पास पहले से ही 30 अरब युआन की स्वैप लाइन उपलब्ध है, लेकिन अब वह इसे और बढ़ाना चाहता है ताकि वित्तीय संकट से उबर सके।
कर्ज के दलदल में फंसा पाकिस्तान
पाकिस्तान पहले से ही चीन का लगभग 30 अरब युआन का कर्जदार है। इसके बावजूद वह एक बार फिर कर्ज मांगने पर मजबूर हो गया है। चीन से पहले भी पाकिस्तान ने पिछले साल 10 अरब युआन का कर्ज लिया था। लेकिन लगातार कर्ज लेने के बावजूद पाकिस्तान की आर्थिक हालत सुधरने के बजाय और बदतर होती जा रही है।
आतंकवाद से बाज नहीं आ रहा पाकिस्तान
आर्थिक बदहाली के बावजूद पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं कर रहा। अपनी जनता की परेशानियों पर ध्यान देने के बजाय वह सीमापार गतिविधियों में व्यस्त है। ऐसे में पाकिस्तान का कर्ज में और गहरे धंसना तय माना जा रहा है। जानकारों का मानना है कि पाकिस्तान जिस रास्ते पर चल रहा है, वह उसे एक गहरे ‘लोन ट्रैप’ यानी कर्ज के जाल में फंसा सकता है, जिससे निकलना उसके लिए बेहद मुश्किल होगा।