संभल में नेज़ा मेले पर विवाद, प्रशासन ने क्यों रोकी अनुमति?
नेज़ा मेले पर प्रशासन का सख्त रुख
उत्तर प्रदेश के संभल में हर साल होली के बाद आयोजित होने वाले नेज़ा मेले पर इस बार रोक लगा दी गई है। यह मेला सैयद सालार मसूद ग़ाज़ी की याद में दशकों से मनाया जाता रहा है। लेकिन इस बार प्रशासन ने सुरक्षा और कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए इसकी अनुमति देने से इनकार कर दिया है।
पुलिस ने क्यों रोकी मेले की अनुमति?
संभल के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने कहा कि किसी भी “आक्रमणकारी” के नाम पर मेला आयोजित नहीं किया जा सकता और अगर कोई ऐसा करने की कोशिश करेगा, तो सख्त कार्रवाई होगी। पुलिस का मानना है कि यह मेला समाज में विवाद और सांप्रदायिक तनाव को जन्म दे सकता है, इसलिए इसे आयोजित करने की अनुमति नहीं दी गई।
मेला आयोजन समिति का रुख
मेले को आयोजित करने वाली समिति ने इस फैसले का विरोध किया है। समिति के एक सदस्य ने कहा कि वे प्रशासन से बातचीत करेंगे और अगर जरूरत पड़ी तो कानूनी कार्रवाई का सहारा भी लेंगे। समिति का मानना है कि यह मेला दशकों से आयोजित हो रहा है और इसे रोकना परंपरा के खिलाफ है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस फैसले पर राजनीति भी गरमा गई है। विपक्ष ने प्रशासन पर धार्मिक भेदभाव का आरोप लगाया है। एक प्रमुख नेता ने कहा कि “अगर कुंभ मेले की तारीफ होती है, तो दूसरे मेलों को क्यों रोका जा रहा है?”
इतिहास और विवाद का मूल कारण
यह मेला संभल के चमन सराय मोहल्ले में आयोजित होता है। पुलिस का कहना है कि आपत्ति जताने वाले पक्ष का मानना है कि सैयद सालार मसूद ग़ाज़ी ने भारत पर आक्रमण किया था और देश को नुकसान पहुंचाया था। इसलिए उनके नाम पर किसी भी आयोजन को महिमामंडन के रूप में देखा जा सकता है, जो उचित नहीं है।
प्रशासन का कड़ा संदेश
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने स्पष्ट रूप से कहा कि “सोमनाथ मंदिर लूटने वालों के नाम पर मेले की अनुमति नहीं दी जाएगी। अगर किसी ने ऐसी कोशिश की, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।” उन्होंने बताया कि इतिहास के अनुसार, सालार मसूद ग़ाज़ी महमूद ग़ज़नवी का सेनापति था, जिसने भारत में कई आक्रमण किए थे।
संवेदनशील माहौल में प्रशासन की प्राथमिकता
संभल के एसपी ने कहा कि उनकी प्राथमिकता शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखना है। उन्होंने माना कि कुछ बयान ज्यादा सख्त हो सकते हैं, लेकिन उद्देश्य यही है कि किसी भी तरह की सांप्रदायिक हिंसा ना हो।
क्या आगे मिलेगा मेले की अनुमति?
आयोजन समिति के प्रमुख शाहिद अली मसूदी और कारी कमाल ने प्रशासन से फिर से अनुमति मांगी, लेकिन फिलहाल इसे मंजूरी नहीं मिली। अब देखना होगा कि क्या समिति कानूनी कदम उठाती है या प्रशासन के साथ किसी नए समाधान पर पहुंचती है।
संभल में इस मुद्दे को लेकर विवाद बढ़ सकता है, लेकिन प्रशासन ने साफ कर दिया है कि कानून-व्यवस्था किसी भी हाल में प्रभावित नहीं होने दी जाएगी।