गाजा में नए साल की शुरुआत, इजरायली हमले में नौ की मौत
नए साल के पहले दिन गाजा में एक बार फिर से इजरायली हमले ने कोहराम मचा दिया। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इस हमले में कम से कम नौ लोग मारे गए, जिनमें अधिकांश महिलाएं और बच्चे थे। गाजा के निवासियों के लिए यह साल किसी राहत के बिना ही शुरू हुआ है, क्योंकि इजरायल और गाजा के बीच जारी हिंसा में कोई कमी नहीं आई है।
इजरायली सेना का हमला
इजरायली सेना ने उत्तरी गाजा के जबालिया क्षेत्र में एक घर पर हमला किया, जिससे पूरे इलाके की स्थिति और बिगड़ गई। यह इलाका पहले से ही युद्ध के कारण पूरी तरह से नष्ट हो चुका है और पूरी तरह से अलग-थलग पड़ चुका है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इस हमले में एक महिला और चार बच्चों समेत सात लोग मारे गए हैं। वहीं, दर्जनों लोग घायल हुए हैं।
शरणार्थी शिविर पर हमला
गाजा के मध्य क्षेत्र में स्थित बुरेज शरणार्थी शिविर में भी इजरायली सेना ने एक और हमला किया। इस हमले में एक महिला और एक बच्चे की मौत हो गई। अस्पताल सूत्रों के अनुसार, अल-अक्सा शहीद अस्पताल में दोनों की मौत की पुष्टि की गई है। इन हमलों ने गाजा के निवासियों के बीच डर और असुरक्षा की भावना को और बढ़ा दिया है।
बढ़ती हिंसा और नागरिकों की मौत
इस युद्ध की शुरुआत अक्टूबर 2023 में हुई थी, जब हमास ने इजरायल पर हमला किया था। इस हमले में 1,200 से अधिक इजरायली नागरिकों की मौत हो गई थी और लगभग 250 लोग बंधक बना लिए गए थे। इसके बाद से इजरायल ने गाजा पर बड़े पैमाने पर हवाई और जमीनी हमले शुरू कर दिए थे। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अब तक 45,000 से अधिक फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है, जिनमें आधे से ज्यादा महिलाएं और बच्चे हैं।
इजरायल का दावा
इजरायली सेना का कहना है कि उनके हमले केवल हमास के आतंकवादियों को लक्षित करते हैं और नागरिकों की मौत के लिए हमास को जिम्मेदार ठहराया जाता है। इजरायल का आरोप है कि हमास जानबूझकर घनी आबादी वाले इलाकों से हमले करता है, जिससे नागरिकों की जान जाती है। सेना ने यह भी दावा किया कि अब तक उसने हमास के 17,000 आतंकवादियों को मार गिराया है।
गाजा में मानवीय संकट
गाजा में लगातार जारी हिंसा और हमलों के कारण मानवीय संकट गहरा गया है। नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाओं, खाद्य सामग्री और सुरक्षा की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस संघर्ष को समाप्त करने के लिए कई प्रयास किए हैं, लेकिन फिलहाल कोई ठोस समाधान सामने नहीं आया है। गाजा के लोग अब भी शांति और सुरक्षा की उम्मीद में जी रहे हैं, लेकिन स्थिति निरंतर बिगड़ती जा रही है।