AFSPA की समीक्षा की मांग, कुकी उग्रवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग
मणिपुर में हिंसा और विरोध प्रदर्शनों के बीच, मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों ने एक प्रस्ताव पारित किया। इसमें केंद्र सरकार से घाटी के छह पुलिस स्टेशन क्षेत्रों में AFSPA के लागू होने की समीक्षा करने का अनुरोध किया गया। विधायकों ने 11 नवंबर को जीरीबाम में छह मेइती महिलाओं और बच्चों की हत्या के लिए जिम्मेदार कुकी उग्रवादियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई करने और उन्हें सात दिनों के भीतर “गैरकानूनी संगठन” घोषित करने की मांग की।
घरों में तोड़फोड़ पर कानूनी कार्रवाई
प्रस्ताव में कहा गया कि यदि यह मांगें तय समय सीमा में पूरी नहीं हुईं, तो एनडीए के विधायक राज्य के लोगों से सलाह लेकर आगे की कार्रवाई तय करेंगे। साथ ही, विरोध के दौरान विधायकों के घरों में तोड़फोड़ करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
अर्धसैनिक बलों की तैनाती का आदेश
14 नवंबर को केंद्र ने छह पुलिस स्टेशनों के तहत आने वाले इलाकों में फिर से “अशांत क्षेत्र” का दर्जा देकर AFSPA लागू कर दिया। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री की समीक्षा बैठक में मणिपुर में 70 अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती का फैसला लिया गया। केंद्र ने अर्धसैनिक बलों को मणिपुर में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया। राहत शिविरों और पहाड़ी तथा घाटी क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ाने पर जोर दिया गया।
सीआरपीएफ डीजी को जिम्मेदारी सौंपी गई
मणिपुर के आईपीएस कैडर से आने वाले सीआरपीएफ डीजी को हालात का आकलन करने और बलों के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए इम्फाल भेजा गया। नए आदेश के तहत मणिपुर में कुल 288 कंपनियां तैनात की जाएंगी। इनमें 165 सीआरपीएफ, 104 बीएसएफ, 8 आरएएफ, 6 एसएसबी और 5 आईटीबीपी कंपनियां शामिल हैं।
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जीरीबाम में अपहरण, हत्या, विरोध प्रदर्शन और जांच समिति गठित
11 नवंबर को जीरीबाम में कुकी उग्रवादियों द्वारा एक मेइती परिवार के छह सदस्यों का अपहरण और हत्या के बाद तनाव बढ़ गया। पांच शव बरामद हो चुके हैं, जबकि छठे शव की पहचान अभी बाकी है। विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस स्टेशन के पास एक 22 वर्षीय युवक की गोली लगने से मौत हो गई। इस घटना के बाद राज्य सरकार ने सेवानिवृत्त सेना अधिकारी की सेवाएं समाप्त कर दीं। घटना की जांच के लिए दो-सदस्यीय समिति बनाई गई है, जो कारणों और संबंधित प्राधिकरण की भूमिका की जांच करेगी। इस बीच, इंटरनेट सेवाओं पर घाटी और चुराचांदपुर तथा कांगपोकपी जिलों में दो दिन का निलंबन बढ़ा दिया गया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने हिंसा से जुड़े तीन मामलों की जांच शुरू कर दी है, जिनमें महिला की हत्या, सीआरपीएफ पोस्ट पर हमला और घरों में आगजनी शामिल हैं।