Kisan organizations का दिल्ली की ओर मार्च, 2 दिसंबर से शुरू होगा आंदोलन
भारतीय किसान परिषद (BKP), एक प्रमुख Kisan organization, 2 दिसंबर से दिल्ली की ओर एक मार्च शुरू करेगा। इस मार्च का उद्देश्य नए कृषि कानूनों के तहत मुआवजे और लाभ की मांग करना है। BKP के नेता सुखबीर खलीफा ने रविवार को बताया कि किसान 2 दिसंबर को नोएडा के महा माया फ्लाईओवर से दिल्ली की ओर कूच करेंगे और दोपहर तक वहां पहुंचकर अपने मुआवजे और लाभ की मांग करेंगे।
Kisan organizations की और भी मार्च की योजना
इसके अलावा, अन्य किसान संगठनों, जैसे कि किसान मजदूर मोर्चा (KMM) और संयुक्त किसान मोर्चा (SKM), ने 6 दिसंबर से दिल्ली की ओर पैदल मार्च करने की योजना बनाई है। ये संगठन भी नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों के हितों की रक्षा की मांग करेंगे।
दिल्ली पुलिस की ट्रैफिक एडवाइजरी
दिल्ली पुलिस ने इस आंदोलन के दौरान ट्रैफिक व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए एक एडवाइजरी जारी की है। नोएडा-दिल्ली बॉर्डर पर यात्री वाहनों के लिए ट्रैफिक डायवर्जन किया गया है। इसके अलावा, मालवाहन वाहनों पर कई मार्गों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं, जैसे कि यमुना एक्सप्रेसवे, नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे और सर्सा से सूरजपुर तक का रास्ता।
यात्री वाहनों के लिए वैकल्पिक मार्गों की जानकारी दी गई है, जैसे चिल्ला बॉर्डर से ग्रेटर नोएडा तक, DND बॉर्डर से दिल्ली तक और कालिंदी बॉर्डर से दिल्ली तक। ट्रैफिक जाम से बचने के लिए दिल्ली पुलिस ने मेट्रो सेवा का इस्तेमाल करने की सलाह दी है। नोएडा प्रशासन ने ट्रैफिक हेल्पलाइन नंबर 9971009001 भी जारी किया है।
किसान संगठनों की मंशा और हरियाणा सरकार की प्रतिक्रिया
किसान मजदूर संघर्ष समिति (KMSC) के महासचिव सरवन सिंह पंढैर ने घोषणा की है कि शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान 6 दिसंबर से दिल्ली के लिए मार्च करेंगे। इन किसानों की मांग है कि उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी दी जाए।
वहीं, हरियाणा के कृषि मंत्री श्याण सिंह राणा ने इस मार्च की आलोचना करते हुए कहा कि ये संगठन गलत मुद्दों पर आंदोलन कर रहे हैं। उनका कहना था कि तीन कृषि कानूनों की वापसी के बाद किसानों के पास कोई वास्तविक मुद्दा नहीं है।