महिलाओं की देन हैं ये ऐतिहासिक धरोहरें
भारत की धरती अपने ऐतिहासिक स्थलों और सांस्कृतिक धरोहरों के लिए दुनिया भर में मशहूर है। ज़्यादातर मशहूर इमारतों का निर्माण राजा-महाराजाओं या मुगल सम्राटों ने करवाया है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ बेहद खास और ऐतिहासिक इमारतों का निर्माण महिलाओं ने भी करवाया है? ये इमारतें न सिर्फ उनकी कलात्मक दृष्टि को दर्शाती हैं, बल्कि इस बात का भी प्रमाण हैं कि महिलाओं की भागीदारी इतिहास में कितनी अहम रही है।
बेगा बेगम की भेंट: हुमायूं का मकबरा
दिल्ली की ऐतिहासिक इमारतों में शामिल हुमायूं का मकबरा 16वीं शताब्दी में बनवाया गया था। इसे हुमायूं की पत्नी बेगा बेगम ने अपने पति की याद में बनवाया था। यह मकबरा भारत की मुगल वास्तुकला का पहला शानदार उदाहरण माना जाता है। इसकी भव्यता और डिजाइन को देखकर आज भी पर्यटक अचंभित हो जाते हैं। यह इमारत यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल में भी शामिल है।
नूरजहां की भावना: इत्माद-उद-दौला
आगरा की प्रसिद्ध इमारत इत्माद-उद-दौला को नूरजहां ने अपने पिता मिर्जा ग़ियास बेग की याद में 17वीं शताब्दी में बनवाया था। यह इमारत ताजमहल से मिलती-जुलती है, इसलिए इसे अक्सर “बेबी ताज” भी कहा जाता है। सफेद संगमरमर और जालीदार नक्काशी इसे एक अद्भुत सौंदर्य प्रदान करती है।
रानी लोकमहादेवी की आस्था: विरुपाक्ष मंदिर
कर्नाटक के पट्टदकल में स्थित विरुपाक्ष मंदिर 8वीं शताब्दी में रानी लोकमहादेवी द्वारा बनवाया गया था। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और चालुक्य काल की स्थापत्य शैली का सुंदर उदाहरण है। इसकी नक्काशी और पत्थर पर उकेरी गई कलाकृति आज भी लोगों को मंत्रमुग्ध कर देती है।
रानी राजे बीबी का निर्माण: लाल दरवाजा मस्जिद
उत्तर प्रदेश के जौनपुर में स्थित लाल दरवाजा मस्जिद को 1447 में सुल्तान महमूद शर्की की रानी राजे बीबी ने बनवाया था। यह मस्जिद संत सैय्यद अली दाऊद कुतुबुद्दीन को समर्पित है। इसकी वास्तुकला अटाला मस्जिद जैसी दिखती है, जो उस समय की इस्लामिक कला का बेहतरीन उदाहरण है।

रानी उदयमती की धरोहर: रानी की वाव
गुजरात के पाटन शहर में स्थित रानी की वाव 11वीं शताब्दी की एक अद्भुत बावड़ी है, जिसे महारानी उदयमती ने बनवाया था। यह केवल जल संग्रहण की जगह नहीं थी, बल्कि इसकी दीवारों पर उकेरी गई मूर्तियाँ और नक्काशी इसे एक जीवंत कला रूप में प्रस्तुत करती हैं। यह यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों में शामिल है और भारत की सबसे सुंदर बावड़ियों में से एक मानी जाती है।
महिलाओं की शक्ति का प्रतीक
इन ऐतिहासिक इमारतों को देखकर यह स्पष्ट होता है कि महिलाओं ने ना सिर्फ सामाजिक और पारिवारिक स्तर पर बल्कि सांस्कृतिक और स्थापत्य क्षेत्रों में भी बड़ा योगदान दिया है। अगर आप इतिहास और कला में रुचि रखते हैं, तो इन स्थलों को अपनी ट्रैवल लिस्ट में जरूर शामिल करें।