गाजा युद्धविराम में पेच: नेतन्याहू सरकार पर संकट
इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम की घोषणा हो गई है, लेकिन गाजा में युद्ध को समाप्त करने को लेकर कई पेच अभी भी बने हुए हैं। यह संघर्ष, जो पिछले साल मई से जारी था, अब 2025 की एक बड़ी उपलब्धि बनने की ओर है, लेकिन समझौते को लेकर कई चुनौतियां सामने आ रही हैं। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व वाली सरकार ने युद्धविराम पर कुछ वक्त तक निर्णय नहीं लेने का निर्णय लिया है, जब तक हमास अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं करता।
बंधकों की रिहाई पर पेच
इस समझौते के तहत, इजरायल द्वारा कैद किए गए सैकड़ों फिलिस्तीनियों के बदले में अगले छह हफ्तों में 33 बंधकों की रिहाई की जाएगी। पहले चरण में कई फिलिस्तीनी बंदियों को रिहा किया जाएगा, जबकि दूसरे चरण में और अधिक बंधकों की रिहाई पर बातचीत की जाएगी। हालांकि, हमास ने स्पष्ट किया है कि वह स्थायी युद्धविराम और इजरायल की पूर्ण वापसी के बिना शेष बंदियों को रिहा नहीं करेगा।
नेतन्याहू सरकार को समर्थन खोने का डर
इस समझौते पर इजरायल में कई विवाद सामने आ रहे हैं। नेतन्याहू की सरकार में असहमति और विरोध की लहर बढ़ रही है। कई मंत्री और नेतन्याहू के करीबी सहयोगी युद्धविराम के खिलाफ हैं, और उनका मानना है कि इस समझौते से नेतन्याहू की सरकार को समर्थन खोने का खतरा हो सकता है। यह राजनीतिक संकट नेतन्याहू के लिए एक नई चुनौती बन सकता है।
इजरायल में सियासी भूचाल
इजरायल में युद्धविराम को लेकर सरकार में असहमति बढ़ रही है, जिससे नेतन्याहू के नेतृत्व को खतरा महसूस हो रहा है। राजनीतिक दबाव भी बढ़ सकता है, जिससे सरकार पर असर पड़ेगा। विपक्षी दल इसे अपनी राजनीतिक ताकत बढ़ाने का एक अवसर मान रहे हैं।
भविष्य पर सवाल
युद्धविराम के बावजूद, इस समझौते को लागू करने के लिए कई और वार्ताओं की आवश्यकता होगी। यह देखना होगा कि क्या दोनों पक्ष इस समझौते को पूरी तरह से लागू कर पाते हैं या फिर गाजा में संघर्ष जारी रहेगा।