जहा अस्पताल के मुखिया सिविल सर्जन के खिलाफ एक सप्ताह के भीतर दो महिला कर्मचारियों द्वारा प्रताड़ना की लिखित शिकायत की जा चुकी है ।पहले एक महिला रेडियोग्राफर नेे शिकायत की थी और अब एक महिला दंत रोग चिकित्सक ने कलेक्टर से शिकायत की है । इस सम्बन्ध में सिविल सर्जन डाक्टर परिहार से बात करने की कोशिश की गयी लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका ।
कार्य स्लाथल पर प्रताड़ना का आरोप
शिकायतकर्ता महिला कर्मचारियों ने अपनी लिखित शिकायत में आरोप लगाया है कि अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. जीएस परिहार अपने शासकीय अनुशासन और पदीय गरिमा को दरकिनार कर नई महिला डाक्टरों और कर्मचारियों को नाजायज रूप से प्रताडि़त करने पर तुले हुए हैं। जिससे जिला अस्पताल धीरे धीरे महिलाओं के लिए यातना शिविर बनता जा रहा है। उत्पीडऩ को लेकर कई महिला कर्मचारियों ने कलेक्टर सहित विभिन्न पदाधिकारियों से शिकायत की है। जिला अस्पताल में महिलाओं की सुरक्षा का सवाल एक अहम मसला बनता जा रहा है। कुछ ही दिन पहले यहां अस्पताल के डाक्टरों व महिला स्टाफ ने कलकत्ता मामले को लेकर रैली निकाली थी और महिला प्रताड़ना के खिलाफ नारे लगाए थे। जबकि हालात स्वयं उनके अस्पताल के ही बिगड़े हुए हैं।सबसे आवश्यक अब यहाँ की व्यवस्था को सुधानरना है वरना आने वाले दिनों में महिला कर्मचारी अस्पताल में काम नहीं केर पाएंगी ।
अभद्रता के साथ वेतन में कटौती
महिला दंत रोग चिकित्सक ने शिकायत में आरोपित किया है कि उनके द्वारा नियमित रूप से ड्यूटी करने के बावजूद उनसे तरह तरह से अभद्रता की जाती है और अपमानित किया जाता है। जब सिविल सर्जन को जानकारी दी जाती है तो वे कहते हैं कि सेक्सुअल असाल्ट कहकर शिकायत करो तो कुछ होगा वरना कुछ नहीं होगा। उनका हाजिरी रजिस्टर छिपा कर उन्हे परेशान किया जाता है, रजिस्टर छिपा दिए जाने से वे अपसेंट कर दी जातीं हैं और उनका वेतन कट जाता है। उनकी दो बार 15 हजार व 12 हजार वेतन कट चुका है। वे मानिसिक प्रताणना से काफी परेशान और भयभीत हैं ।
इन्होने भी की है शिकायत
महिला दन्त चिकित्सक से पहले जिला अस्पताल की एक महिला रेडियोग्राफर ने भी सिविल सर्जन डाक्टर परिहार के खिलाफ प्रताड़ना की शिकायत थाना में की थी । लेकिन आज दिनांक तक उक्त मामले में कोई कार्यवाही नहीं की गई । महिला कर्मचारी का आरोप है कि शिकायत के बाद उल्टा हमें ही सिविल सर्जन द्वारा नाराज होकर धमकाया गया। मेरी नियुक्ति उपरांत ही राज्य शासन के आदेश के विपरीत जबरदस्ती शिफ्ट ड्यूटी लगवाई गई। जिससे मुझे नवनियुक्त महिला कर्मचारी को कई बार डर और असुरक्षा के माहौल में अकेले शिफ्ट ड्यूटी करनी पड़ती है। इनके कहे अनुसार मेरे पति को सस्पेंड करवाकर ब्योहारी अटैच करा दिया गया है। मेरा 4 वर्ष का बेटा है, कार्य करने में बहुत डर लग रहा है और मैं यहाँ बहुत असुरक्षित महसूस कर रही हूँ । ऐसे माहौल में हम महिला कर्मचारी अपने को अस्पताल में असुरक्षित महसूस कर रहे है ।