दिल्ली यूनिवर्सिटी में हिंदी जर्नलिज्म का नया कोर्स शुरू
दिल्ली विश्वविद्यालय ने एक बड़ा फैसला लेते हुए शैक्षणिक सत्र 2025-26 से हिंदी माध्यम में मास्टर डिग्री जर्नलिज्म कोर्स शुरू करने की मंजूरी दी है। यह कोर्स आर्ट्स फैकल्टी के अंतर्गत हिंदी विभाग द्वारा संचालित किया जाएगा। हालांकि इसे लागू करने से पहले विश्वविद्यालय की एकेडमिक काउंसिल से अंतिम स्वीकृति मिलना बाकी है।
30 मई को लिया गया ऐतिहासिक निर्णय
इस फैसले की घोषणा हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर की गई, जिसे हर साल 30 मई को मनाया जाता है। इस दिन 1826 में भारत का पहला हिंदी अखबार ‘उदंत मार्तंड’ प्रकाशित हुआ था। यह दिन भारतीय पत्रकारिता की शुरुआत और उसकी लोकतंत्र में भूमिका को रेखांकित करता है।
हिंदी पत्रकारिता को मिलेगा नया मंच
इस नए कोर्स की शुरुआत से हिंदी पत्रकारिता के विद्यार्थियों को अपने ही मातृभाषा में उच्च स्तरीय शिक्षा प्राप्त करने का एक नया अवसर मिलेगा। इस कोर्स के माध्यम से विद्यार्थियों को पत्रकारिता के आधुनिक उपकरणों, शोध पद्धतियों और मीडिया नैतिकताओं की गहरी समझ दी जाएगी।
इंग्लिश मीडियम में भी Journalism कोर्स की तैयारी
कमेटी के सदस्यों ने बताया कि अंग्रेजी विभाग द्वारा इंग्लिश मीडियम में मास्टर डिग्री जर्नलिज्म कोर्स (MA in Journalism in English) भी प्रस्तावित किया गया है। यह कोर्स आगामी शैक्षणिक सत्र 2026-27 से शुरू किया जा सकता है। इस पहल से विश्वविद्यालय में मीडिया एजुकेशन के विकल्प और अधिक विस्तृत हो जाएंगे।
अन्य कोर्सों में भी किए गए बदलाव
सिर्फ पत्रकारिता ही नहीं, इस बैठक में कई अन्य विषयों पर भी निर्णय लिया गया। हिंदुस्तानी संगीत (प्रोग्राम और ऑनर्स), भूगोल, और शिक्षा जैसे विषयों के अंडरग्रेजुएट कोर्स के 7वें और 8वें सेमेस्टर की रूपरेखा को मंजूरी दी गई। साथ ही, दर्शनशास्त्र, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान, गणित और भूगोल जैसे विषयों के पीजी कोर्स को नए ढांचे के अनुसार अपडेट किया गया।
पहले की बैठकों में हो चुकी है चर्चा
इससे पहले मई महीने की 2, 6 और 8 तारीख को हुई बैठकों में भी इन बदलावों पर विस्तार से चर्चा की गई थी। इनमें से कई प्रस्तावों को पहले ही विश्वविद्यालय की विभिन्न काउंसिल्स द्वारा हरी झंडी दी जा चुकी है, हालांकि कुछ बिंदुओं पर असहमति भी सामने आई थी।
भाषाई विविधता को मिलेगा बढ़ावा
हिंदी और इंग्लिश दोनों माध्यमों में पत्रकारिता कोर्स शुरू करने की योजना से विश्वविद्यालय में भाषाई विविधता को नया आयाम मिलेगा। यह कदम न केवल भाषाओं को बराबरी का दर्जा देगा, बल्कि छात्रों को अपनी पसंद की भाषा में शिक्षा प्राप्त करने का भी अवसर देगा। यह प्रयास भारतीय शिक्षा प्रणाली में समावेशी और व्यावसायिक दृष्टिकोण को मजबूत करेगा।