मध्यप्रदेश में जातिगत जनगणना पर कांग्रेस का फोकस, भोपाल में होगा बड़ा आयोजन
जातिगत जनगणना को लेकर देशभर की राजनीति में हलचल है और अब कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर मध्यप्रदेश में बड़ी रणनीति के साथ आगे बढ़ रही है। पार्टी की योजना है कि जातिगत जनगणना को एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाकर जनता से जुड़ा जाए, खासकर ओबीसी वर्ग के मतदाताओं को ध्यान में रखते हुए। इसी कड़ी में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी जून महीने में भोपाल दौरे पर आने वाले हैं, जहां एक विशाल सभा आयोजित की जाएगी।
भोपाल में जून में होगी कांग्रेस की बड़ी सभा
सूत्रों के अनुसार, जून में भोपाल में कांग्रेस द्वारा एक भव्य जनसभा का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी दोनों उपस्थित रहेंगे। इसके साथ ही कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेता भी इस सभा में शिरकत करेंगे। इस आयोजन के जरिए कांग्रेस मध्यप्रदेश में जातिगत जनगणना को लेकर अपनी प्रतिबद्धता को ज़मीन पर उतारने की कोशिश करेगी।
ओबीसी वर्ग को साधने की तैयारी
मध्यप्रदेश में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) की संख्या काफी अधिक है और यही वजह है कि कांग्रेस इस वर्ग को अपने साथ जोड़ने की रणनीति बना रही है। पार्टी का मानना है कि जातिगत जनगणना इस वर्ग को पहचान, सम्मान और हक देने की दिशा में अहम कदम है। इसीलिए कांग्रेस इसे जनता की ‘मांग’ और ‘हक’ बताकर अपने पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश में जुटी है।
राहुल गांधी पहले भी कर चुके हैं जातिगत जनगणना का समर्थन
हाल ही में महू में हुई एक रैली में भी राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना को प्रमुख मुद्दा बनाया था। उन्होंने कहा था कि जब तक हर जाति की वास्तविक स्थिति का आंकड़ा सामने नहीं आता, तब तक सामाजिक न्याय अधूरा रहेगा। उन्होंने इसे “सच्चाई का एक्स-रे” बताते हुए कहा था कि हर व्यक्ति को जानने का अधिकार है कि समाज में उसकी स्थिति क्या है।
कांग्रेस बनाएगी जातिगत जनगणना को जन आंदोलन
मध्यप्रदेश कांग्रेस की रणनीति यह है कि वे जातिगत जनगणना को केवल एक चुनावी मुद्दा न बनाकर, एक जन आंदोलन का रूप दें। सभा में इस मुद्दे को लेकर बड़े ऐलान किए जा सकते हैं और पार्टी के नेता प्रदेश भर में यात्राएं कर सकते हैं ताकि यह संदेश हर वर्ग तक पहुंचे।
मध्यप्रदेश में जातिगत जनगणना को लेकर कांग्रेस का यह कदम आने वाले समय में राजनीतिक समीकरणों को काफी हद तक प्रभावित कर सकता है। अब देखना दिलचस्प होगा कि इस आयोजन के बाद राज्य की राजनीति किस दिशा में जाती है।