चारधाम यात्रा 2025: ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन से लेकर कपाट खुलने तक की पूरी जानकारी
30 अप्रैल से शुरू होगी यात्रा, श्रद्धालुओं में भारी उत्साह
चारधाम यात्रा 2025 का शुभारंभ 30 अप्रैल से होने जा रहा है। हर वर्ष की तरह इस बार भी लाखों श्रद्धालु उत्तराखंड के पवित्र धामों—केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा पर निकलेंगे। यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है।
अब तक 20 लाख से ज्यादा श्रद्धालु कर चुके हैं रजिस्ट्रेशन
उत्तराखंड पर्यटन विभाग के अनुसार, इस बार यात्रा के लिए अब तक 20 लाख से ज्यादा लोगों ने अपना पंजीकरण करवाया है। रजिस्ट्रेशन कराने वालों में कई विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। यह दर्शाता है कि चारधाम यात्रा की लोकप्रियता सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में फैली हुई है।
ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से हो रहा पंजीकरण
सरकार ने इस बार यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों विकल्पों को चालू किया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस वर्ष 60% यात्रियों का पंजीकरण ऑनलाइन माध्यम से होगा जबकि बाकी 40% लोग ऑफलाइन प्रक्रिया से रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे।
ऐसे करें ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन
अगर आपने अभी तक पंजीकरण नहीं करवाया है तो घबराने की जरूरत नहीं है। उत्तराखंड सरकार ने इसके लिए एक आधिकारिक वेबसाइट बनाई है—registrationandtouristcare.uk.gov.in। यहां से कोई भी श्रद्धालु घर बैठे रजिस्ट्रेशन कर सकता है। वेबसाइट पर जाकर आपको अपनी व्यक्तिगत जानकारी भरनी होगी, जैसे नाम, पहचान पत्र का विवरण, यात्रा की तारीख और गंतव्य धाम। इसके बाद एक क्यूआर कोड या पंजीकरण संख्या मिलती है, जिसे यात्रा के दौरान साथ रखना अनिवार्य होगा।
केदारनाथ और बद्रीनाथ के कपाट खुलने की तारीखें
चारधाम यात्रा की तिथियों के अनुसार, केदारनाथ धाम के कपाट 29 अप्रैल को और बद्रीनाथ धाम के कपाट 30 अप्रैल को खोले जाएंगे। गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट 10 मई को अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर खुलने की संभावना है।
यात्रा से पहले इन बातों का रखें ध्यान
यात्रा में जाने वाले सभी श्रद्धालुओं को सरकार की ओर से कुछ जरूरी दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा। इनमें स्वास्थ्य जांच, मौसम की जानकारी, ट्रैवल गाइडलाइन, और स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन शामिल है। विशेष रूप से बुजुर्गों और बीमार लोगों को चिकित्सकीय परामर्श के बाद ही यात्रा पर जाने की सलाह दी गई है।
चारधाम यात्रा सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि एक जीवन अनुभव भी है। समय से पंजीकरण करें, जरूरी दस्तावेजों और स्वास्थ्य तैयारियों के साथ ही यात्रा करें ताकि यह आध्यात्मिक सफर स्मरणीय बन जाए।