दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में और अधिक तनाव देखने को मिला है। इस हमले में कई निर्दोष लोग अपनी जान गंवा बैठे, जिसके बाद दोनों देशों के बीच आरोप-प्रत्यारोप और सख्त बयानों का सिलसिला शुरू हो गया। इसी बीच ईरान ने एक बड़ी पहल करते हुए दोनों देशों के बीच मध्यस्थता करने की इच्छा जताई है।
तनाव के माहौल में शांति की अपील
हमले के बाद भारत और पाकिस्तान दोनों तरफ से तीखी बयानबाजी हो रही है, जिससे हालात युद्ध जैसे बनते नजर आ रहे हैं। इसी तनावपूर्ण माहौल में ईरान ने अपनी भूमिका निभाने का संकेत देते हुए दोनों देशों को शांति की ओर बढ़ने की सलाह दी है। ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराघची ने कहा है कि उनका देश भारत और पाकिस्तान के बीच बेहतर समझ को बढ़ावा देने के लिए अपने राजनयिक संसाधनों का इस्तेमाल करने को तैयार है।
सांस्कृतिक रिश्तों का हवाला देकर दी समझदारी की सलाह
ईरानी विदेश मंत्री ने अपने बयान में कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों ईरान के पड़ोसी हैं, और इन दोनों देशों के साथ ईरान के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सभ्यतागत संबंध लंबे समय से चले आ रहे हैं। ऐसे में जब दो पड़ोसी देश आपसी टकराव में उलझे हों, तो पड़ोसी का कर्तव्य है कि वह शांति स्थापना के लिए पहल करे।
फारसी कवि सादी की कविता से दिया शांति का संदेश
ईरानी विदेश मंत्री ने अपने बयान को और भावनात्मक रंग देते हुए फारसी के प्रसिद्ध कवि सादी की एक कविता का हवाला दिया। उन्होंने लिखा कि सादी की कविता हमें यह सिखाती है कि सभी इंसान एक ही शरीर के अंगों जैसे हैं—जब एक अंग को चोट लगती है तो पूरा शरीर पीड़ा महसूस करता है। इसी भावना के तहत ईरान भारत और पाकिस्तान के बीच मतभेद को खत्म करने के लिए इस्लामाबाद और नई दिल्ली में मौजूद अपने दूतावासों के माध्यम से सहयोग देना चाहता है।
सऊदी अरब ने भी जताई चिंता
सिर्फ ईरान ही नहीं, बल्कि एक और मुस्लिम देश सऊदी अरब ने भी इस मामले में दिलचस्पी दिखाई है। वहां के विदेश मंत्री ने भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों से बातचीत की है और क्षेत्रीय शांति बनाए रखने की अपील की है। भारतीय विदेश मंत्री ने इस बातचीत की पुष्टि भी की है।
दोनों देशों को शांति की राह पर आने का सुझाव
ईरान का यह कदम ऐसे समय में आया है जब दुनिया को लगने लगा था कि भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव किसी बड़े टकराव की ओर जा सकता है। लेकिन ईरान और सऊदी अरब जैसे देशों की इस पहल से उम्मीद की किरण जगी है कि दोनों देश एक बार फिर बातचीत की टेबल पर लौट सकते हैं।
क्या आप चाहेंगे कि फारसी कवि सादी की वो पूरी कविता भी जानें, जिसका जिक्र विदेश मंत्री ने किया?
पहलगाम हमले के बाद ईरान ने की भारत-पाक के बीच सुलह की पेशकश
दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में और अधिक तनाव देखने को मिला है। इस हमले में कई निर्दोष लोग अपनी जान गंवा बैठे, जिसके बाद दोनों देशों के बीच आरोप-प्रत्यारोप और सख्त बयानों का सिलसिला शुरू हो गया। इसी बीच ईरान ने एक बड़ी पहल करते हुए दोनों देशों के बीच मध्यस्थता करने की इच्छा जताई है।
तनाव के माहौल में शांति की अपील
हमले के बाद भारत और पाकिस्तान दोनों तरफ से तीखी बयानबाजी हो रही है, जिससे हालात युद्ध जैसे बनते नजर आ रहे हैं। इसी तनावपूर्ण माहौल में ईरान ने अपनी भूमिका निभाने का संकेत देते हुए दोनों देशों को शांति की ओर बढ़ने की सलाह दी है। ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराघची ने कहा है कि उनका देश भारत और पाकिस्तान के बीच बेहतर समझ को बढ़ावा देने के लिए अपने राजनयिक संसाधनों का इस्तेमाल करने को तैयार है।
सांस्कृतिक रिश्तों का हवाला देकर दी समझदारी की सलाह
ईरानी विदेश मंत्री ने अपने बयान में कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों ईरान के पड़ोसी हैं, और इन दोनों देशों के साथ ईरान के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सभ्यतागत संबंध लंबे समय से चले आ रहे हैं। ऐसे में जब दो पड़ोसी देश आपसी टकराव में उलझे हों, तो पड़ोसी का कर्तव्य है कि वह शांति स्थापना के लिए पहल करे।
फारसी कवि सादी की कविता से दिया शांति का संदेश
ईरानी विदेश मंत्री ने अपने बयान को और भावनात्मक रंग देते हुए फारसी के प्रसिद्ध कवि सादी की एक कविता का हवाला दिया। उन्होंने लिखा कि सादी की कविता हमें यह सिखाती है कि सभी इंसान एक ही शरीर के अंगों जैसे हैं—जब एक अंग को चोट लगती है तो पूरा शरीर पीड़ा महसूस करता है। इसी भावना के तहत ईरान भारत और पाकिस्तान के बीच मतभेद को खत्म करने के लिए इस्लामाबाद और नई दिल्ली में मौजूद अपने दूतावासों के माध्यम से सहयोग देना चाहता है।
सऊदी अरब ने भी जताई चिंता
सिर्फ ईरान ही नहीं, बल्कि एक और मुस्लिम देश सऊदी अरब ने भी इस मामले में दिलचस्पी दिखाई है। वहां के विदेश मंत्री ने भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों से बातचीत की है और क्षेत्रीय शांति बनाए रखने की अपील की है। भारतीय विदेश मंत्री ने इस बातचीत की पुष्टि भी की है।
दोनों देशों को शांति की राह पर आने का सुझाव
ईरान का यह कदम ऐसे समय में आया है जब दुनिया को लगने लगा था कि भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव किसी बड़े टकराव की ओर जा सकता है। लेकिन ईरान और सऊदी अरब जैसे देशों की इस पहल से उम्मीद की किरण जगी है कि दोनों देश एक बार फिर बातचीत की टेबल पर लौट सकते हैं।
क्या आप चाहेंगे कि फारसी कवि सादी की वो पूरी कविता भी जानें, जिसका जिक्र विदेश मंत्री ने किया?