पहलगाम हमले के बाद कश्मीर में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकवाद के खिलाफ अपने अभियान को तेज कर दिया है। इसी कड़ी में कुलगाम जिले के ग्रेडबल कैमोह क्षेत्र में सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को गिरफ्तार किया है। ये दोनों आतंकी द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) से जुड़े बताए जा रहे हैं।
चेकपॉइंट पर पकड़े गए आतंकी, हथियार भी बरामद
ग्रेडबल कैमोह इलाके में बनाए गए एक चेकपॉइंट पर तलाशी के दौरान इन दोनों आतंकियों को पकड़ा गया। इनके पास से दो पिस्तौल, दो मैगजीन और 25 राउंड जिंदा कारतूस बरामद हुए हैं। इनकी गिरफ्तारी को पहलगाम हमले के बाद एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।
पुलवामा में लश्कर आतंकियों के घर तबाह
सुरक्षा बलों की कार्रवाई यहीं नहीं रुकी। पुलवामा के मुर्रान इलाके में हुए एक धमाके में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी अहसान उल हक शेख का घर बर्बाद हो गया है। अहसान 2023 से आतंकी गतिविधियों में शामिल था। वहीं, काचीपोरा क्षेत्र में भी एक धमाके में लश्कर से जुड़े हारिस अहमद का घर पूरी तरह से तबाह हो गया है। हारिस भी लंबे समय से सक्रिय था।
TRF ने ली थी पहलगाम हमले की जिम्मेदारी
22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी। इस हमले की जिम्मेदारी TRF नामक आतंकी संगठन ने ली थी। माना जाता है कि इस संगठन की जड़ें पाकिस्तान में हैं और यह लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी संगठन है। इस संगठन का संचालन सज्जाद गुल नामक आतंकी करता है, जो पाकिस्तान में रहकर भारत में हमलों की साजिश रचता है।
2019 में बना था TRF, लश्कर का मुखौटा
TRF को 2019 में लश्कर, हिज्बुल और ISI के सहयोग से तैयार किया गया था ताकि पाकिस्तान पर सीधा आरोप न आए। पहले ये संगठन सोशल मीडिया के जरिए काम करता था लेकिन धीरे-धीरे इसने सीधे हमले करना शुरू कर दिए। TRF लश्कर के ही फंडिंग चैनल्स का इस्तेमाल करता है और इसे पाक सेना और ISI से सहयोग मिलता है।
कुलगाम हत्याकांड के बाद सुर्खियों में आया TRF
2020 के कुलगाम हत्याकांड में TRF का नाम पहली बार सामने आया था। इस हत्याकांड में भाजपा से जुड़े फिदा हुसैन, उमर राशिद बेग और उमर हाजम की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। इसके बाद से TRF की सक्रियता तेजी से बढ़ी है।
टारगेट किलिंग को बनाते हैं निशाना
TRF के आतंकी विशेष रूप से टारगेट किलिंग में शामिल रहते हैं। ये संगठन गैर-कश्मीरियों को अपना मुख्य निशाना बनाता है ताकि जम्मू-कश्मीर में बाहरी राज्यों के लोगों का आना-जाना कम हो जाए और डर का माहौल कायम किया जा सके।
अब तक 172 आतंकी मारे गए, 108 TRF से जुड़े
2022 की रिपोर्ट के अनुसार, घाटी में सुरक्षा बलों ने 90 से ज्यादा ऑपरेशनों में कुल 172 आतंकियों को ढेर किया, जिनमें से 108 TRF या लश्कर से जुड़े थे। वहीं, 100 नए भर्ती आतंकियों में से 74 TRF से जुड़े पाए गए। इससे स्पष्ट है कि TRF अब घाटी में आतंक का एक बड़ा चेहरा बन चुका है।
क्या आप TRF के ऑपरेशनों से जुड़े और आंकड़े भी जानना चाहेंगे?