बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की बढ़ीं मुश्किलें, गिरफ्तारी वारंट जारी
बांग्लादेश की राजनीति एक बार फिर बड़े भूचाल से गुजर रही है। हाल ही में राजधानी ढाका की एक अदालत ने देश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना, उनकी बहन शेख रेहाना और भतीजी ट्यूलिप रिजवाना सिद्दीक समेत 50 से ज्यादा लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। इन सभी पर जमीन के अवैध आवंटन और भ्रष्टाचार से जुड़ी गंभीर धाराएं लगाई गई हैं।
राजनीतिक प्रभाव का दुरुपयोग कर जमीन हथियाने का आरोप
यह मामला कथित तौर पर सरकारी पद का दुरुपयोग कर राजकीय ज़मीन को अपने और करीबियों के नाम कराने से जुड़ा है। स्थानीय अदालत ने भ्रष्टाचार निरोधक आयोग (एसीसी) की तीन चार्जशीटों पर संज्ञान लेते हुए सभी आरोपियों को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था। लेकिन गैर-हाजिर रहने पर अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया।
27 अप्रैल को होगी अगली सुनवाई
वरिष्ठ विशेष न्यायाधीश जाकिर हुसैन गालिब ने गिरफ्तारी आदेशों के पालन की रिपोर्ट 27 अप्रैल तक पेश करने को कहा है। आरोप है कि पूर्वाचल न्यू टाउन प्रोजेक्ट के तहत कई लोगों को गलत तरीके से प्लॉट बांटे गए, जिनमें पूर्व प्रधानमंत्री की बहन और भतीजी भी शामिल थीं।
पहले भी जारी हुआ था वारंट
इससे पहले 10 अप्रैल को भी इसी अदालत ने एक अन्य भ्रष्टाचार केस में शेख हसीना, उनकी बेटी साइमा वाजेद पुतुल और अन्य 16 लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। यह मामला भी सरकारी प्लॉट के गलत तरीके से आवंटन से जुड़ा हुआ था। जांच के दौरान एसीसी ने चार्जशीट में नए नाम भी जोड़े हैं, जिससे मामले की गंभीरता और बढ़ गई है।
हिंसा के बाद देश छोड़ चुकी हैं शेख हसीना
गौरतलब है कि 2024 में बांग्लादेश में भड़के हिंसक विरोध प्रदर्शनों के चलते शेख हसीना की सरकार को सत्ता से हाथ धोना पड़ा। इसके बाद 5 अगस्त 2024 को उन्होंने भारत में शरण ले ली थी। तब से लेकर अब तक वो भारत में ही रह रही हैं।
अंतरिम सरकार का भारत से प्रत्यर्पण का आग्रह
बांग्लादेश की मौजूदा अंतरिम सरकार, जो कि नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में काम कर रही है, ने भारत से शेख हसीना को वापस सौंपने की औपचारिक मांग की है।
ट्यूलिप रिजवाना सिद्दीक का भी नाम चार्जशीट में
शेख हसीना की भतीजी और ब्रिटिश संसद की सदस्य ट्यूलिप रिजवाना सिद्दीक का नाम भी इन मामलों में शामिल है। उनके खिलाफ भी प्लॉट आवंटन में अनियमितता का आरोप है। इस पूरे घटनाक्रम ने बांग्लादेश की राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर दी है और आगे क्या होगा, इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।