40 साल बाद जेद्दा पहुँचे प्रधानमंत्री मोदी, सऊदी अरब ने जताया सम्मान
ऐतिहासिक दौरे पर जेद्दा पहुँचे भारत के प्रधानमंत्री
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 40 वर्षों के बाद सऊदी अरब के ऐतिहासिक शहर जेद्दा पहुँचे। यह दौरा कई मायनों में खास रहा, जिसमें उन्हें सऊदी अरब सरकार द्वारा विशेष सम्मान भी प्रदान किया गया। प्रधानमंत्री की यह यात्रा व्यापार, रक्षा, ऊर्जा और हज से जुड़े मुद्दों को लेकर बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
रॉयल स्वागत ने बढ़ाई गरिमा
प्रधानमंत्री मोदी जब सऊदी अरब के हवाई क्षेत्र में दाखिल हुए, तब रॉयल सऊदी एयर फोर्स के F-15 फाइटर जेट्स ने उनके विमान को एस्कॉर्ट किया। यह स्वागत सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि दोनों देशों के बीच गहरे संबंधों का प्रतीक था। यह सम्मान दिखाता है कि भारत और सऊदी अरब के रिश्ते किस स्तर पर पहुँच चुके हैं।
रिश्तों में मजबूती की नई शुरुआत
इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत और सऊदी अरब के बीच बहुआयामी सहयोग को और अधिक मजबूत करना है। प्रधानमंत्री मोदी ने रवाना होने से पहले दिए अपने बयान में कहा कि भारत सऊदी अरब के साथ अपने संबंधों को रणनीतिक दृष्टि से देखता है। हाल के वर्षों में दोनों देशों के बीच व्यापार, ऊर्जा, निवेश, रक्षा और सामाजिक संबंधों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।
प्रमुख मुद्दों पर होगी बातचीत
इस यात्रा के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी, जिनमें व्यापारिक सहयोग, ऊर्जा क्षेत्र में भागीदारी, रक्षा क्षेत्र में रणनीतिक सहयोग, और क्षेत्रीय सुरक्षा की स्थिति शामिल है। साथ ही, भारत और सऊदी अरब के बीच द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी परिषद की बैठक भी आयोजित की जाएगी, जिसकी सह-अध्यक्षता प्रधानमंत्री मोदी और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान करेंगे।
हज और जेद्दा की भूमिका
जेद्दा शहर भारत-सऊदी रिश्तों में एक ऐतिहासिक भूमिका निभाता रहा है। यह शहर व्यापारिक दृष्टि से भी एक प्रमुख बंदरगाह रहा है और मक्का जाने वाले यात्रियों के लिए भी मुख्य मार्ग है। भारतीय राजदूत के अनुसार, हज भारत और सऊदी के रिश्तों में एक महत्वपूर्ण कड़ी है। हज से जुड़ी व्यवस्थाओं और कोटे पर भी इस दौरे में बातचीत हो सकती है।
सहयोग और सम्मान का नया अध्याय
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा दोनों देशों के बीच सहयोग को नई दिशा देने के साथ-साथ संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ने वाली साबित हो सकती है। सऊदी अरब का यह विशेष सम्मान दर्शाता है कि भारत की वैश्विक भूमिका कितनी प्रभावशाली होती जा रही है। इस दौरे से दोनों देशों के बीच न सिर्फ रणनीतिक बल्कि सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों को भी नई ऊर्जा मिलेगी।