रविवार को महाविकास आघाडी (एमवीए) द्वारा आयोजित विरोध मार्च में शरद पवार, उद्धव ठाकरे, नाना पटोले और शिवाजी के वंशज शाहू महाराज ने हिस्सा लिया।
इस मौके पर शरद पवार ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर हमला बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का बयान, जिसमें कहा गया था कि राजकोट किले में स्थित शिवाजी महाराज की मूर्ति हवा के कारण गिरी, हास्यास्पद है। पवार ने इसे भ्रष्टाचार का उदाहरण बताते हुए कहा कि यह घटना शिव प्रेमियों का अपमान है।
कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार ने सत्ता में आने के बाद शिवाजी महाराज का अपमान किया और यह रवैया “पेशवा” जैसा है। उन्होंने कहा कि मूर्ति गिरने से महाराष्ट्र की धर्मिक भावना को ठेस पहुंची है और यह अपराध अक्षम्य है।
पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया दी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से माफी मांगने को लेकर सवाल उठाए। ठाकरे ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने सिर्फ दिखावे के लिए माफी मांगी और भ्रष्टाचार को छुपाने की कोशिश की है।
शाहू महाराज ने भी इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरना महाराष्ट्र का अपमान है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
प्रोटेस्ट मार्च में एमवीए नेताओं ने सीएम एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस की तस्वीरों पर जूते मारे, जिससे विरोध का स्वर और भी तीव्र हो गया।