PMFME Scheme: सरकार दे रही है आटा, दाल मिल लगाने पर 10 लाख रुपये की छूट
PMFME Scheme: प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना का लक्ष्य
ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (PMFME Scheme) की शुरुआत की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े छोटे उद्योगों को प्रोत्साहित करना है, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में लोग अपने Micro food industry को स्थापित कर सकें और आत्मनिर्भर बन सकें। इस योजना के तहत आटा मिल, दाल मिल, प्रोसेसिंग यूनिट, दूध और अन्य खाद्य उत्पादों से संबंधित इकाइयां स्थापित करने पर 10 लाख रुपये तक की छूट दी जा रही है।
राजस्थान में शिविर का आयोजन
राजस्थान राज्य में इस योजना के लाभ को फैलाने के लिए कृषि मंडी जालोर में एक शिविर का आयोजन किया गया है। इस शिविर में फूड यूनिट लगाने के इच्छुक लोगों से आवेदन पत्र भरवाए जाएंगे और उन्हें योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी। इस शिविर का उद्देश्य ग्रामीण लोगों को योजनाओं के लाभ और प्रक्रिया के बारे में अवगत कराना है, ताकि वे इसका फायदा उठा सकें और अपने Micro food industry शुरू कर सकें।
शिविर में क्या होगा?
कृषि उपज मंडी समिति जालोर के सचिव श्री कान्हड़देव सोनगरा ने बताया कि इस शिविर में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना (PMFME Scheme) के बारे में ग्रामीणों को पूरी जानकारी दी जाएगी। यहां पर इच्छुक व्यक्तियों से ऑनलाइन आवेदन भी भरे जाएंगे। इसके अलावा, इस शिविर में क्षेत्रीय अधिकारियों, योजना के तहत वित्तीय और तकनीकी सहायता देने वाले विशेषज्ञों की मौजूदगी रहेगी, जो ग्रामीणों को आवेदन और योजना के बारे में सही मार्गदर्शन देंगे।
योजना के लाभ और उद्देश्य
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना (PMFME Scheme) का प्रमुख उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में छोटे उद्योगों को बढ़ावा देना है। इसके तहत, आटा मिल, दाल मिल, प्रोसेसिंग यूनिट, दूध, और अन्य खाद्य उत्पादों से संबंधित इकाइयों के लिए अनुदान दिया जाएगा। योजना के तहत, उन लोगों को आर्थिक सहायता दी जाएगी, जो अपनी इकाइयां स्थापित करना चाहते हैं। इससे न केवल रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, बल्कि ग्रामीण लोग अपने छोटे व्यवसाय शुरू करके आत्मनिर्भर भी बन सकेंगे।
10 लाख रुपये तक की सब्सिडी (Subsidy on Flour & Dal Mill)
इस योजना के तहत, केंद्र और राज्य सरकार मिलकर 35% तक या 10 लाख रुपये तक का अनुदान देती है। नई और पुरानी दोनों प्रकार की इकाइयों को इस योजना का लाभ मिलेगा। इसके अलावा, बैंकों से लोन सहायता भी उपलब्ध होगी, जिससे लोग अपनी इकाईयों की स्थापना के लिए धन जुटा सकेंगे। योजना के तहत, मशीनरी से संबंधित जानकारी भी दी जाएगी, ताकि लोगों को उपकरणों की सही जानकारी मिल सके और वे उन्हें उचित तरीके से इस्तेमाल कर सकें।
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प्रशिक्षण और आवेदन की प्रक्रिया
इस योजना के तहत, PMFME Scheme के जिला रिसोर्स पर्सन के माध्यम से आवेदन और प्रशिक्षण की प्रक्रिया सरल बनाई गई है। इच्छुक किसान, व्यापारी और औद्योगिक संस्थाएं शिविर में भाग लेकर इस योजना का लाभ उठा सकते हैं और अपनी इकाई स्थापित कर सकते हैं। यह योजना विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसरों को उत्पन्न करने के लिए तैयार की गई है।
नए अवसरों के साथ आत्मनिर्भर बनने का मौका
इस PMFME Scheme का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह ग्रामीणों को अपने उद्योग स्थापित करने के लिए आर्थिक सहायता और मार्गदर्शन प्रदान करती है। इससे न केवल ग्रामीणों को रोजगार मिलेगा, बल्कि वे अपने उत्पादों को बाजार में बेचने के लिए एक मजबूत आधार तैयार कर सकेंगे। इस तरह, यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापार और उद्योग को बढ़ावा देने के साथ-साथ आत्मनिर्भरता की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।