बंगलूरू में महालक्ष्मी हत्याकांड के मुख्य आरोपी, मुक्ति राजन रे, ने आत्महत्या कर ली है। पुलिस के अनुसार, उसने पकड़े जाने के डर से यह कदम उठाया और बुधवार को ओडिशा में खुदकुशी की। हाल ही में, बंगलूरू में महालक्ष्मी की बेरहमी से हत्या कर उसके शव के 50 से अधिक टुकड़े करके फ्रीजर में भरने की घटना सामने आई थी, जो दिल्ली के श्रद्धा मर्डर केस से मिलती-जुलती है। कर्नाटक पुलिस की कई टीमें इस हत्याकांड के सभी पहलुओं की जांच कर रही हैं।
महालक्ष्मी हत्याकांड
बंगलूरू में शनिवार (21 सितंबर) को एक भयानक हत्याकांड का खुलासा हुआ, जिसमें 29 वर्षीय महिला महालक्ष्मी की बेरहमी से हत्या की गई। यह मामला दिल्ली में श्रद्धा वाकर की हत्या से मिलते-जुलते अंदाज में हुआ। हत्याकांड का अंजाम विनायक लेआउट के एक घर में दिया गया, जहां महालक्ष्मी के शरीर के टुकड़े एक रेफ्रिजरेटर के अंदर भरे हुए मिले। उनका क्षत-विक्षत शव उनकी मां और बड़ी बहन ने घर में पाया। महालक्ष्मी की एक बहन अपने जुड़वां बेटों के साथ उसी इमारत में अलग-अलग घरों में रह रही थीं। महालक्ष्मी, जो अपने पति हेमंत दास से अलग हो चुकी थीं, पिछले अक्टूबर से इस इलाके में रह रही थीं।
हत्याकांड का खुलासा कैसे हुआ?
21 सितंबर को मकान मालिक ने महालक्ष्मी की मां को सूचित किया कि घर से तेज दुर्गंध आ रही है। जब वे दोपहर करीब 12 बजे ताला खोलने आईं, तो उन्हें अपनी बेटी के कपड़े फ्रीजर में मिले। यह देखकर महालक्ष्मी की मां चकित रह गईं, क्योंकि उन्होंने राखी के त्योहार पर अपनी बेटी से आखिरी बार मुलाकात की थी।
हालाँकि घटना की जानकारी 21 सितंबर को मिली, लेकिन रिपोर्टों के अनुसार, यह हत्याकांड 19 दिन पहले ही किया गया था। महालक्ष्मी का मोबाइल 2 सितंबर को बंद हो गया था। फ्रीजर में उसकी लाश के 50 से ज्यादा टुकड़े पाए गए, और हत्यारे ने सबूतों को मिटाने की कोशिश की थी। फ्रीजर से खून की एक बूंद के अलावा घर में खून के कोई धब्बे नहीं मिले। ल्यूमिनल परीक्षण के दौरान भी घर के फर्श पर खून का कोई निशान नहीं मिला, जिससे यह संभावना जताई जा रही है कि हत्यारे ने पूरे घर को किसी केमिकल से साफ कर दिया था।
मामले में आरोपी कौन है?
महालक्ष्मी हत्याकांड के संबंध में परिवार के सदस्यों ने चार व्यक्तियों पर शक जताया है, जो बंगलूरू में रहते हैं: मुक्ति राजन, शशिधर, सुनील, और अशरफ। इनमें से मुक्ति राजन, शशिधर और सुनील महालक्ष्मी के सहकर्मी थे, जबकि अशरफ, जो उत्तराखंड का निवासी है, के बारे में परिजनों का कहना है कि वह भी महालक्ष्मी के संपर्क में था। रिपोर्ट्स के अनुसार, महालक्ष्मी का अपने काम की जगह पर किसी से झगड़ा हुआ था।
महालक्ष्मी के पति हेमंत दास ने बताया कि जब उन्होंने एक दिन महालक्ष्मी का मोबाइल चेक किया, तो पता चला कि वह अशरफ से बातचीत कर रही थीं।
पुलिस ने क्या जांच की?
घटना के तुरंत बाद, बंगलूरू पुलिस ने हत्यारे की तलाश के लिए कार्रवाई शुरू कर दी। कई टीमें गठित की गईं और अन्य राज्यों में छापेमारी की गई। पुलिस संदिग्ध व्यक्तियों से लगातार पूछताछ कर रही है। फोरेंसिक विशेषज्ञों ने महालक्ष्मी के घर की तलाशी के दौरान कई उंगलियों के निशान खोजे, जिससे पता चलता है कि हत्या में कई लोगों का हाथ हो सकता है।
इस बीच, पुलिस कमिश्नर बी दयानंद ने जानकारी दी कि पुलिस को उस व्यक्ति का सुराग मिल गया है जिसने हत्या की। उनके अनुसार, यह आरोपी राज्य के बाहर का है, लेकिन बंगलूरू में रह रहा था। हत्या के बाद वह फरार हो गया, और पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए जाल बिछाया है। पुलिस की जांच से यह स्पष्ट होगा कि हत्या एक व्यक्ति ने की थी या एक से अधिक लोगों ने।
हत्याकांड में अभी क्या हुआ है?
महालक्ष्मी हत्याकांड में एक नया मोड़ तब आया जब मुख्य आरोपी मुक्ति राजन (30) ने आत्महत्या कर ली। पुलिस को संदेह था कि वह ओडिशा के भद्रक में था, जहां उसकी तलाश के दौरान जानकारी मिली कि उसने खुद को मार लिया। राजन का शव उसके गांव में एक पेड़ से लटका मिला, और उसके पास एक डायरी में सुसाइड नोट था, जिसमें उसने हत्या की बात स्वीकार की थी। स्थानीय पुलिस ने बताया कि मुक्ति घबराहट में अपने घर से निकला और सुबह 4 बजे से पहले आत्महत्या कर ली। घटना की जानकारी उसके परिवार को सुबह 7 बजे हुई, जिसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने मौके से कपड़ों से भरा बैग और एक काले रंग की गाड़ी भी बरामद की।
मुक्ति राजन पर आरोप
मुक्ति राजन पर महालक्ष्मी की हत्या का आरोप था। पुलिस के मुताबिक, राजन हत्या के बाद छिपा हुआ था। रिपोर्टों के अनुसार, वह ओडिशा के फंडी गांव का निवासी था और बुधवार सुबह अपने घर लौट आया। कुछ समय बाद, वह स्कूटी पर निकला और फिर उसकी कोई जानकारी नहीं मिली। बाद में, उसका शव कुलेपाड़ा कब्रिस्तान में लटका हुआ पाया गया।
स्थानीय मीडिया की खबरों के अनुसार, महालक्ष्मी मल्लेश्वरम में एक फैशन फैक्ट्री में काम करती थीं, जबकि राजन वहां टीम लीडर था। दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ गईं, और उन्होंने 1 सितंबर को काम पर आकर अगले दिन छुट्टी ली। महालक्ष्मी ने अपनी मां को बताया कि वह घर आएंगी, लेकिन इसके बाद राजन ने उसकी बेरहमी से हत्या कर दी। उसने शव को 50 से अधिक टुकड़ों में काटकर फ्रिज में रख दिया और फिर बंगलूरू से भद्रक की ओर भाग निकला।
सुसाइड नोट
रिपोर्ट्स के अनुसार, मुक्ति राजन के सुसाइड नोट में उसने स्वीकार किया कि उसने 3 सितंबर को महालक्ष्मी की हत्या की थी। राजन ने लिखा, “जब मैं महालक्ष्मी के घर गया, तो हम दोनों के बीच निजी मामलों पर झगड़ा हुआ। उन्होंने मुझ पर हमला किया, जिससे मुझे गुस्सा आ गया और मैंने उन्हें मार डाला। इसके बाद, मैंने उनके 59 टुकड़े बनाकर फ्रिज में रख दिए।” नोट में राजन ने महालक्ष्मी के व्यवहार से परेशान होकर इस जघन्य कृत्य को अंजाम देने की बात कही।
राजन ने पहले महालक्ष्मी की गला दबाकर हत्या की और फिर हैकसॉ ब्लेड से उनके शरीर को काट दिया। टुकड़ों को बाथरूम में काटने के बाद, उसने उन्हें फ्रिज में भर दिया। जांच में यह भी पता चला कि सबूत मिटाने के लिए बाथरूम को तेजाब से साफ किया गया था।
इस बीच, मुक्ति राजन की मां कुंजलता रे ने दावा किया कि राजन ने बताया था कि वह महालक्ष्मी के जाल में फंस गया था, जो उससे पैसे मांगती थी। राजन ने यह सब डर के मारे किया, क्योंकि महिला लगातार पैसे की मांग कर रही थी।
अब पुलिस के सामने एक बड़ा सवाल है कि जिस आरोपी ने बंगलूरू में महालक्ष्मी की हत्या की और ओडिशा भाग गया, उसने आत्महत्या कर ली है। उसने यह जानकर फांसी लगाई कि पुलिस उसके अपराध की जांच कर रही है। इस स्थिति में, जिस हत्यारे को हत्या की वजह बतानी थी, उसकी भी मौत हो चुकी है। बंगलूरू को हिलाकर रख देने वाली इस घटना की असली वजह फिलहाल रहस्य बनी हुई है।