सोयाबीन की सरकारी खरीद
सोयाबीन की खरीद को लेकर अब असमंजस खत्म हो गया है। मध्य प्रदेश सरकार ने खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिए सोयाबीन की सरकारी खरीद को मंजूरी दे दी है। यह खरीद केंद्र सरकार की प्राइस सपोर्ट स्कीम के तहत होगी, जिसमें सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 4,892 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।
खरीद प्रक्रिया का विवरण
मंत्रि-परिषद ने यह निर्णय लिया है कि सोयाबीन की उपार्जन पंजीकृत किसानों से म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ द्वारा किया जाएगा। इस प्रक्रिया को सुचारु बनाने के लिए 1,400 केंद्र बनाए जाएंगे, जहाँ पर आवश्यक संशोधन भी किए जा सकेंगे। राज्य सरकार 13.68 लाख मेट्रिक टन सोयाबीन की MSP पर खरीद करेगी, और यदि आवश्यक मात्रा से अधिक सोयाबीन का उपार्जन होता है, तो राज्य सरकार अपने स्तर पर भी खरीद करेगी।
पंजीकरण की तारीखें
किसानों का पंजीकरण 25 सितंबर से शुरू होगा, और वे 25 सितंबर से 20 अक्टूबर 2024 तक पंजीकरण करा सकते हैं। सोयाबीन की खरीद 25 अक्टूबर से 31 दिसंबर 2024 तक की जाएगी। सरकार ने सभी अधिकारियों को पंजीकरण की आवश्यक व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
पंजीकरण की आवश्यकताएँ
किसान का पंजीकरण तभी संभव होगा जब भू-अभिलेख के खाते और खसरे में दर्ज नाम आधार कार्ड के नाम से मेल खाता हो। अगर इन दस्तावेजों में कोई विसंगति होती है, तो पंजीकरण का सत्यापन तहसील कार्यालय से कराया जाएगा।
ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीकरण
सोयाबीन की खरीद के लिए पंजीकरण ई-उपार्जन पोर्टल पर होगा। सिकमी, बटाईदार और वनाधिकारी पट्टाधारी किसानों का पंजीकरण सहकारी समिति और विपणन संस्थाओं द्वारा संचालित पंजीकरण केंद्रों पर किया जाएगा। पंजीकरण केंद्र पर किसानों को आधार से जुड़े दस्तावेज, आधार नंबर से पंजीकृत मोबाइल नंबर और सिकमी नामे की प्रति लानी होगी। सिकमी नामें की प्रति को ई-उपार्जन पोर्टल पर अपलोड करने के बाद ही पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी होगी।
दस्तावेज़ों की जांच और सत्यापन
सिकमी, बटाईदार और वनाधिकारी पट्टाधारी किसानों का शत-प्रतिशत सत्यापन राजस्व विभाग द्वारा किया जाएगा। किसानों को वनपट्टा और सिकमी अनुबंध की प्रति सहित अन्य आवश्यक दस्तावेज लाना अनिवार्य होगा। वनपट्टाधारक किसानों के पंजीकरण में वनपट्टा क्रमांक, खसरा रकबे और बोई गई फसल की प्रविष्टि की जाएगी। सोयाबीन उपार्जन के लिए किसानों को पंजीकरण के समय आधार कार्ड, खसरा नकल और बैंक पासबुक की प्रति पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य है।
यह प्रक्रिया एनआईसी द्वारा ई-उपार्जन पोर्टल में उपलब्ध कराई जाएगी। उपार्जन समितियाँ इन दस्तावेजों को प्रिंट कर संरक्षित रिकॉर्ड में रखेंगी।
इस प्रकार, मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों के लिए सोयाबीन की खरीद प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए ठोस कदम उठाए हैं।