उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में भारी बारिश ने कहर बरपाया है। शुक्रवार तड़के लोनी इलाके में बारिश के चलते एक जर्जर मकान ढह गया, जिसकी छत का मलबा तीन लोगों पर गिर गया। मलबे में मां और बेटी समेत तीन लोग दब गए। चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग तुरंत मदद के लिए पहुंचे और किसी तरह तीनों को मलबे से बाहर निकाला। अस्पताल में इलाज के दौरान मां की मौत हो गई, जबकि दोनों बेटियां गंभीर रूप से घायल हैं। यह हादसा परमहंस विहार कॉलोनी में हुआ, जहां सुंदरी देवी पिछले 30 वर्षों से अपने परिवार के साथ रह रही थीं। उनके पति अशोक की चार साल पहले मृत्यु हो चुकी थी। परिवार में उनके दो बेटे राजन (24) और सागर (14) और तीन बेटियां वर्षा (20), प्रति (15) और लक्ष्मी (13) शामिल हैं।
सुंदरी देवी अपने घर में ड्रेस की बेल्ट बनाने का काम करती थीं, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, जिससे उनका घर जर्जर हालत में था। हाल ही में लगातार दो दिनों की बारिश ने छत पर पानी जमा कर दिया था। गुरुवार रात, सुंदरी देवी अपनी तीन बेटियों के साथ एक कमरे में सो रही थीं, जबकि उनके दोनों बेटे सागर और राजन दूसरे कमरे में थे। शुक्रवार सुबह करीब साढ़े 4 बजे अचानक मकान की छत भर-भराकर गिर गई, जिससे मलबे में सुंदरी देवी और उनकी दोनों बेटियां दब गईं।
चीख पुकार सुनकर राजन और सागर, जो दूसरे कमरे में सो रहे थे, जाग गए और शोर मचाया। इसके बाद पड़ोस के लोग इकट्ठा हो गए और पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर स्थानीय लोगों की मदद से मलबे में दबी मां सुंदरी देवी और उनकी दोनों बेटियों, वर्षा और लक्ष्मी, को बाहर निकाला। उन्हें तुरंत दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने सुंदरी देवी को मृत घोषित कर दिया।
सुंदरी देवी का परिवार एक छोटे दो कमरों के मकान में रह रहा था। पति की मृत्यु के बाद उनके घर की स्थिति बहुत खराब हो गई थी। सुंदरी देवी घर में रेडिमेड कपड़े पर बेल्ट लगाने का काम करती थीं, और उनके बेटे भी इसमें उनकी मदद करते थे। आर्थिक कठिनाइयों के कारण मकान का उचित रख-रखाव नहीं हो सका। हाल ही में हुई बारिश के कारण छत पर पानी जमा हो गया, जिसके चलते छत गिर गई और इस हादसे का शिकार होना पड़ा।