विदित हो कि शासकीय बिरसा मुंडा चिकित्सा महाविद्द्यालय में रविवार को अनूपपुर जिले के कोतमा निवासी वर्षा जोगी पति रवि जोगी 25 वर्ष को परिजनों द्वारा प्रसव के लिए मे लाया गया था । जहां शाम करीब 6 बजे प्रसूता का सीजर किया गया था । जिसमे एक ऐसे जुडवा बच्चे ने जन्म लिया जिनके जिस्म दो अलग अलग थे लेकिन दिल एक था और वही एक दिल दोनों के सीने से जुड़ा हुआ था ।
इन नवजातों का शरीर एक दूसरे से जुड़े हुए थे । इनके दो अलग अलग जिस्म तो दिखाई दे रहें हैं लेकिन दिल केवल एक है ,जिससे यह दोनों नवजात जुड़े हुए थे । इन्हें जन्म देने वाली प्रसूता समेत परिवार के लोग जिस्म से जुड़े ऐसे बच्चे को देख चिंता में थे । उन्हें समझ में ही नहीं आ रहा था कि शरीर से एक दूसरे से जुड़े इन बच्चों का वह कैसे पालन पोषण कर पाएंगे साथ ही इनका भविष्य क्या होगा । वहीँ उनके स्वास्थ्य को लेकर भी परिजन चिंतित थे । नवजातों को आक्सीजन सपोर्ट में रखा गया था ।
चिकित्सकों के अनुसार ऐसे मामले कभी कभी ही सामने आतें हैं ,जिसमे दो अलग अलग भ्रूण प्रारम्भिक गर्भावस्था में गर्भ के अंदर ही एक दुसरे से चिपक जातें हैं । जिससे ऐसी स्थति निर्मित हो जाती है । ऐसे बच्चे का जीवन आगे स्थिर रह पाना बड़ा ही कठिन होता है । क्योंकी एक दिल से दो नवजात का जीवित रह पाना बहुत ही मुश्किल होता है । प्रारम्भिक अवस्था में भ्रूण जुड़ने अथवा एक दुसरे से चिपके रहते हुए भ्रूण का विकास होकर नवजात बनता है तो ऐसी स्थिति सामने आती है । मेडिकल की भाषा में ऐसे नवजातों को सीमंस ट्विन्स भी कहा जाता है । ऐसे बच्चों की अधिकतर मौत हो जाना स्वभाविक होता है ।