सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: सरकारी नौकरी की भर्ती प्रक्रिया में ‘रूल्स ऑफ द गेम’ नहीं बदले जा सकते
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सरकारी नौकरियों में भर्ती के नियमों को लेकर अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि एक बार भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के बाद चयन नियमों में बदलाव नहीं किया जा सकता। यह फैसला मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय बेंच ने सर्वसम्मति से सुनाया। बेंच में जस्टिस हृषिकेश रॉय, जस्टिस पीएस नरसिम्हा, जस्टिस पंकज मिथल और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल थे।
‘रूल्स ऑफ द गेम’ में नहीं हो सकता बदलाव
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सरकारी नौकरियों की चयन प्रक्रिया में ‘रूल्स ऑफ द गेम’ यानी भर्ती के नियमों को बीच में बदलना अनुचित है। ऐसा करने से उम्मीदवारों के बीच Confusion पैदा हो सकता है और प्रक्रिया में पारदर्शिता एवं निष्पक्षता की कमी दिखाई देती है।
संविधान के अनुच्छेद 14 का पालन जरूरी
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चयन प्रक्रिया के नियम संविधान के Article 14 (समानता का अधिकार) के तहत होने चाहिए। कोर्ट के अनुसार, भर्ती प्रक्रिया की शुरुआत विज्ञापन जारी करने के साथ होती है और यह प्रक्रिया पूरी होने तक नियमों में बदलाव की अनुमति नहीं होनी चाहिए, जब तक कि मौजूदा नियम या विज्ञापन इसकी अनुमति न दें।
तीन न्यायाधीशों की पीठ का रेफरेंस
इस मामले में कोर्ट ने 2013 में तीन न्यायाधीशों की पीठ द्वारा दिए गए फैसले का हवाला दिया। उस पीठ ने भी कहा था कि राज्य या उसके संस्थान भर्ती के ‘रूल्स ऑफ द गेम’ में बदलाव नहीं कर सकते। इस संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला लेते हुए कहा कि भर्ती के नियमों में बदलाव तभी संभव है जब इसे संविधान के प्रावधानों के अनुसार पूरी तरह से न्यायसंगत ठहराया जा सके।