चुनावी रेवड़ियों के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और चुनाव आयोग को जारी किया नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों में फ्रीबीज (चुनावी रेवड़ियों) के खिलाफ दायर याचिका पर केंद्र और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। इस मामले को अन्य याचिकाओं के साथ जोड़ दिया गया है। याचिकाकर्ता शशांक जे श्रीधर ने मांग की है कि विधानसभा या आम चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा खासतौर पर नकदी के रूप में मुफ्त उपहारों का वादा करना रिश्वत देने के समान माना जाए।
याचिकाकर्ता के वकील की दलील
याचिकाकर्ता के वकील बालाजी श्रीनिवासन ने सोमवार को CJI डी वाई चंद्रचूड़ की बेंच के सामने यह मामला उठाया। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों द्वारा विधानसभा या आम चुनावों में विशेष रूप से नकदी के रूप में मुफ्त उपहारों का वादा करना, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत उस राजनीतिक दल के उम्मीदवार के लिए रिश्वत या वोट के लिए प्रलोभन माना जाना चाहिए।
अदालत का निर्देश
सुनवाई के दौरान, अदालत ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि वह चुनाव-पूर्व अवधि में राजनीतिक दलों को फ्रीबीज का वादा करने से रोकने के लिए तुरंत और प्रभावी कदम उठाए। पीठ ने इस मामले में नोटिस जारी करते हुए इसे अन्य लंबित याचिकाओं के साथ टैग कर दिया। साथ ही याचिकाकर्ता को यह छूट दी गई है कि वह सभी याचिकाओं की जल्द सुनवाई के लिए मेंशन कर सकते हैं।