डीजीपी श्री सक्सेना ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज प्रत्येक शिकायत का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण समाधान किया जाए। उन्होंने कहा कि शिकायतों का निराकरण केवल औपचारिकता के रूप में नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि उसमें शिकायतकर्ता की पूर्ण संतुष्टि का भी ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि यह योजना केवल त्वरित समाधान के लिए नहीं बल्कि नागरिकों के पुलिस प्रशासन में विश्वास को मजबूत करने के लिए भी महत्वपूर्ण है। इस दिशा में सभी को निर्देश दिए गए हैं कि वे शिकायतों का शीघ्र समाधान करें और उचित प्रतिक्रिया दें, जिससे शिकायतकतार्ओं को संतुष्टि मिले। शिकायतों के निराकरण की एक निर्धारित समय सीमा भी बनाई गई है ताकि शिकायतें अनावश्यक रूप से लंबित न रहें।
बैठक में डीजीपी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे शिकायतों की प्रगति का समय-समय पर निरीक्षण करें और निराकरण के बाद शिकायतकतार्ओं से फीडबैक प्राप्त करें। इसके अलावा, डीजीपी ने एल-3 स्तर तक पहुंच चुकी समस्याओं पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यदि किसी मामले में विधिक अड़चन उत्पन्न होती है, तो विधि विशेषज्ञों से परामर्श लेकर समाधान सुनिश्चित किया जाए।
समीक्षा बैठक के दौरान कुछ जिलों में सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज शिकायतों के समाधान की स्थिति असंतोषजनक पाई गई, जिस पर डीजीपी ने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि लंबित मामलों का शीघ्र निपटान सुनिश्चित किया जाए और कोई भी शिकायत लंबित न रहे। डीजीपी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि शिकायतों का निराकरण गुणवत्ता के साथ किया जाए, ताकि जनता को किसी भी प्रकार की समस्या का पुनरावृत्ति न हो और वे पुलिस की कार्यप्रणाली से संतुष्ट रहें। बैठक में सभी संबंधित अधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में सीएम हेल्पलाइन के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की।
शिकायतकर्ताओं के प्रति संवेदनशील रहें
डीजीपी श्री सक्सेना ने कहा कि पुलिस विभाग का मकसद सिर्फ कानून-व्यवस्था बनाए रखना नहीं है, बल्कि राज्य के प्रत्येक नागरिक को यह सुनिश्चित करना है कि उनकी समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर हल किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि वे शिकायतकतार्ओं के प्रति संवेदनशील रहें और प्रत्येक शिकायत का समाधान उनके दृष्टिकोण को समझते हुए करें। डीजीपी ने कहा कि समय-समय पर वरिष्ठ अधिकारी भी शिकायतकर्ता से चर्चा कर फीडबैक कर लेना सुनिश्चित करें।