आदिवासी बैगा परिवारों ने इस अतिक्रमण के खिलाफ कमिश्नर कार्यालय में शुक्रवार को शिकायत दर्ज कराई है। ग्रामीणों का आरोप है कि चचाई थर्मल पावर के कई अधिकारी कर्मचारियों और भू-माफियाओं ने सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया है, लेकिन प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा।
ग्रामीणों का कहना है कि शासन की कई एकड़ भूमि पर बड़े-बड़े पक्के मकान बना लिए गए हैं। कुछ लोगों ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर इन जमीनों पर लोन भी ले लिया है। आरोप है कि लगभग 90 प्रतिशत से अधिक सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा हो चुका है, लेकिन जिले का राजस्व विभाग पूरी तरह से आंखें मूंदे हुए है।शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया कि इस पूरे मामले में राजस्व अमला, विद्युत मंडल के कर्मचारी और बड़े पूंजीपति मिलीभगत से शासकीय भूमि को निजी संपत्ति बना रहे हैं। इस कारण गरीब आदिवासी परिवारों को अपने हक के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है।
पीएम आवास योजना से वंचित
ग्राम केल्होरी के कई गरीब आदिवासी परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है क्योंकि उनके पास निजी भूमि नहीं है। इन परिवारों का कहना है कि शासकीय खाली भूमि पर उनका अधिकार बनता है, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही और भू-माफियाओं के दबाव के चलते वे अपने अधिकार से वंचित हो रहे हैं।
उदासीनता का आरोप
पीड़ित परिवारों ने बताया कि वे अपनी शिकायत लेकर तहसीलदार, एसडीएम, कमिश्नर और कलेक्टर कार्यालय के कई चक्कर लगा चुके हैं, इस मामले में एक दो नही 20 से ज्यादा सीएम हेल्पलाइन में शिकायत हुई हैं, पटवारी सहित अन्य राजस्व अमले ने करोड़ो की शशकीय भूमि को खुर्दबुर्द कर किया। लेकिन इतनी शिकायतों के बाद भी अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि जनप्रतिनिधि इस मामले में बिल्कुल भी गंभीर नहीं हैं। चुनाव के दौरान बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं, लेकिन जीतने के बाद वे गरीबों की सुध लेने तक नहीं आते।
अवैध कब्जे की शिकायत
ग्रामीणों ने अपने शिकायत पत्र में बताया कि ग्राम केल्होरी के पटवारी हल्का खसरा नंबर 1595 और 1667 की शासकीय भूमि पर अवैध रूप से कई लोगों ने कब्जा कर लिया है। इस कारण गरीब परिवारों को आवास बनाने के लिए भूमि आवंटित नहीं हो रही।ग्रामीणों की मांग है कि शासकीय भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया जाए और भूमिहीन आदिवासी परिवारों को उनका हक दिलाया जाए।