शनिवार शाम साढ़े चार बजे जाकिर कॉलोनी में एक तीन मंजिला मकान ढह जाने से परिवार के दस सदस्य जान गंवा बैठे। रविवार सुबह से ही परिजनों को सांत्वना देने के लिए लोगों का आना शुरू हो गया, जिसमें राजनीतिक और सामाजिक हस्तियों ने भी मौके पर पहुंचकर शोक व्यक्त किया।
शोकाकुल परिजनों को सांत्वना देने के लिए विभिन्न लोग मौके पर पहुंचे। पुलिस ने कॉलोनी के भीतर वाहनों की आवाजाही रोक दी, जिससे सभी लोगों को हापुड़ रोड पर अपने वाहन खड़े करके पीड़ितों के घर तक पहुंचना पड़ा। सुबह 11 बजे मेडिकल कॉलेज में शवों का पोस्टमार्टम शुरू हुआ, जिसके बाद शव जाकिर कॉलोनी में लाए जाने लगे।
जैसे-जैसे शव जाकिर कॉलोनी में पहुंचते गए, परिजन उन्हें लिपटकर फूट-फूट कर रोते रहे। शाम करीब छह बजे नमाज-ए-जनाजा अदा की गई। इसके बाद, जब लोग दस शवों को एक साथ उठाकर कब्रिस्तान की ओर ले गए, तो कॉलोनी महिलाओं के करुण क्रंदन से गूंज उठी।
इस दृश्य ने मौके पर मौजूद लोगों की आंखों को भी नम कर दिया। इतनी भारी भीड़ थी कि कब्रिस्तान में जगह कम पड़ गई। बालिका समरीन को बेरी वाली मस्जिद के पास दफनाया गया, जबकि अन्य नौ शवों को उसके सामने वाले कब्रिस्तान में दफनाया गया।
जनाजे के दौरान उमड़ी भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने यातायात व्यवस्था में बदलाव किया। हापुड़ रोड पर पुराना कमेला चौराहा के पास से शास्त्रीनगर, किदवई नगर, और अहमद नगर की ओर जाने वाले मार्गों को बंद कर दिया गया और यातायात को नाले के किनारे से भूमिया पुल की ओर डायवर्ट किया गया।
मेरठ की जाकिर कॉलोनी में शनिवार शाम को गिरे मकान में मरने वालों की संख्या रविवार सुबह बढ़कर दस हो गई। शनिवार को छह शव निकाले गए, जबकि रातभर चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद चार और शव रविवार सुबह बरामद किए गए। जिलाधिकारी दीपक मीणा ने बताया कि प्रत्येक मृतक के परिजनों को 4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी, और मकान के क्षतिग्रस्त होने पर 1.20 लाख रुपये की सहायता की घोषणा की गई है। इसके अलावा, मृत पशुओं के लिए भी शासन से मुआवजा दिलाया जाएगा।