सुनीता विलियम्स की वापसी 19 मार्च को: 9 महीने बाद लौटेंगी धरती पर
मिशन सिर्फ 8 दिन का था, लेकिन खिंच गया 9 महीने तक
भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स 19 मार्च को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से धरती पर लौटेंगी। उन्हें मात्र 8 दिन के मिशन के लिए भेजा गया था, लेकिन तकनीकी खराबियों के कारण उन्हें 9 महीने तक स्पेस में रहना पड़ा।
इलॉन मस्क की कंपनी ने भेजा नया रॉकेट
शुक्रवार को इलॉन मस्क की स्पेस एजेंसी ने भारतीय समयानुसार सुबह 4:30 बजे फॉल्कन 9 रॉकेट लॉन्च किया। इस मिशन के तहत चार नए अंतरिक्ष यात्री ISS की ओर रवाना हुए, जो सुनीता विलियम्स और उनके साथियों की जगह लेंगे।
क्रू-10 टीम ने भरी उड़ान, ISS पर होगी नई तैनाती
नए दल में NASA, जापान और रूस के एस्ट्रोनॉट्स शामिल हैं। ये टीम 15 मार्च को ISS पहुंचेगी और कुछ दिनों के एडजस्टमेंट के बाद स्टेशन का कार्यभार संभालेगी। इसके बाद क्रू-9 टीम, जिसमें सुनीता और बुच विलमोर शामिल हैं, 19 मार्च को लौटेगी।
बोइंग के स्टारलाइनर में आई थी तकनीकी खराबी
सुनीता और विलमोर बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट में सवार होकर स्पेस गए थे। लेकिन इस स्पेसक्राफ्ट में लगातार तकनीकी दिक्कतें आती रहीं। इसमें हीलियम लीक और थ्रस्टर फेलियर जैसी कई समस्याएं सामने आईं, जिसकी वजह से यह मिशन 8 दिन के बजाय 9 महीने तक खिंच गया।
अमेरिकी सरकार ने मस्क को दी जिम्मेदारी
अमेरिकी सरकार ने स्पेस में फंसे एस्ट्रोनॉट्स को वापस लाने की जिम्मेदारी मस्क की कंपनी को दी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जल्द ही मिशन पूरा किया जाएगा।
सुनीता और विलमोर का मिशन क्यों था खास?
यह मिशन स्पेस रिसर्च और नए स्पेसक्राफ्ट की टेस्टिंग के लिए बेहद अहम था। सुनीता इस मिशन की पायलट थीं, जबकि विलमोर कमांडर थे। उन्होंने ISS पर रहते हुए रिसर्च और टेक्नोलॉजी टेस्टिंग के कई जरूरी काम किए।
मिशन में क्या रही दिक्कतें?
- लॉन्च से पहले भी कई बार तकनीकी खराबी आई।
- स्पेसक्राफ्ट में हीलियम लीक और थ्रस्टर फेल हो गए।
- प्रॉपेलेंट वॉल्व पूरी तरह बंद नहीं हुआ।
- NASA और ह्यूस्टन के मिशन कंट्रोल ने इसे ठीक करने की कोशिश की, लेकिन समस्या बनी रही।
अब क्या होगा?
क्रू-10 टीम ISS पर पहुंचकर काम संभालेगी, और फिर 19 मार्च के बाद क्रू-9 टीम धरती पर लौटेगी। उम्मीद की जा रही है कि सुनीता और उनके साथियों की सुरक्षित वापसी होगी।