पीएम मोदी करेंगे बाढ़ प्रभावित राज्यों का दौरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही उन राज्यों का दौरा करेंगे जहां बाढ़ से हालात बेहद खराब हो गए हैं। लगातार बारिश और नदियों के उफान ने पंजाब से लेकर दिल्ली-एनसीआर तक जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। पंजाब में हालात सबसे गंभीर बने हुए हैं, वहीं राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाके भी जलमग्न हो गए हैं। प्रधानमंत्री इस दौरे में राहत और बचाव कार्यों की स्थिति का जायजा लेंगे।
पंजाब में तबाही का मंजर
पंजाब बाढ़ की चपेट में बुरी तरह आ चुका है। अब तक 43 लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 1900 गांव पानी में डूब चुके हैं। करीब 4 लाख लोग प्रभावित बताए जा रहे हैं। यहां हुई बारिश ने 25 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। सरकार ने राहत और बचाव कार्यों के लिए 159 राहत शिविर तैयार किए हैं, जहां हजारों लोग शरण ले रहे हैं। अमृतसर, कपूरथला, फिरोजपुर, संगरूर और होशियारपुर जैसे जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। बाढ़ ने फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचाया है, जिससे किसानों की चिंताएं और बढ़ गई हैं। हाल ही में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर हालात का जायजा लिया।
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ा संकट
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से करीब 2 मीटर ऊपर चला गया है। सामान्यत: यमुना का खतरे का निशान 205 मीटर है, लेकिन फिलहाल यह 207 मीटर तक पहुंच चुका है। इसके चलते मयूर विहार, अक्षरधाम और आसपास के कई इलाकों में पानी भर गया है। मंदिर और बाजार जलमग्न हो चुके हैं और लगभग 20 हजार लोग अपने घरों से बेघर हो गए हैं। एनडीआरएफ और सेना की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्य कर रही हैं। राहत शिविरों और मेडिकल कैंपों की व्यवस्था की गई है, लेकिन कई जगहों पर पानी इन कैंपों तक भी पहुंच चुका है, जिससे हालात और गंभीर हो गए हैं।
नोएडा और हरियाणा की स्थिति
नोएडा में भी बाढ़ का असर साफ दिख रहा है। सेक्टर 135 और 151 समेत कई सेक्टर जलमग्न हो गए हैं। वहीं हरियाणा के हिसार, रोहतक, पंजकूला, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर और झज्जर जिलों में स्कूल बंद कर दिए गए हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है।
जम्मू-कश्मीर और अन्य राज्यों में असर
जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश और बाढ़ ने भीषण हालात पैदा कर दिए हैं। कई इलाके संपर्क से कट गए हैं और लैंडस्लाइड से सड़कों को नुकसान पहुंचा है। हालांकि झेलम नदी अब खतरे के निशान से नीचे आ चुकी है, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, मिजोरम, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गोवा और केरल में भी औसत से ज्यादा बारिश ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
सरकार और एजेंसियां अलर्ट पर
बाढ़ प्रभावित इलाकों में एनडीआरएफ और सेना लगातार काम कर रही हैं। राहत सामग्री पहुंचाने और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का काम जारी है। प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा प्रभावित राज्यों के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इसके बाद अतिरिक्त सहायता और योजनाओं का ऐलान भी हो सकता है।
👉 कुल मिलाकर, बाढ़ ने उत्तर भारत से लेकर दक्षिण तक कई राज्यों को बुरी तरह प्रभावित किया है। सरकार और प्रशासन राहत कार्यों में जुटे हैं, लेकिन प्रभावित लोगों को अभी भी राहत का इंतजार है।