राज्यसभा में खरगे के बयान पर हंगामा
बजट सत्र में नई शिक्षा नीति पर टकराव
संसद के बजट सत्र में नई शिक्षा नीति को लेकर बहस जारी है। इसी दौरान राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बयान से हंगामा मच गया। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के बयान पर आपत्ति जताते हुए खरगे ने कड़ा रुख अपनाया। जब उपसभापति ने उन्हें बोलने से रोका तो उन्होंने गुस्से में कहा, “क्या-क्या ठोकना है, हम ठीक से ठोक देंगे… सरकार को ठोकेंगे।”
सदन में तानाशाही का आरोप
खरगे ने सरकार पर तानाशाही चलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है और उन्हें अपनी बात रखने का पूरा मौका नहीं दिया जा रहा। उपसभापति के रोकने पर खरगे और ज्यादा नाराज हो गए और उनका बयान और तीखा हो गया।
सत्ता पक्ष ने जताई आपत्ति
खरगे के इस बयान पर सत्ता पक्ष ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई। राज्यसभा में नेता सदन जेपी नड्डा ने उनके शब्दों की निंदा की और कहा कि इस तरह की भाषा संसदीय मर्यादाओं के खिलाफ है। उन्होंने मांग की कि खरगे को अपने बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए।
खरगे ने मांगी माफी, सरकार से नहीं
विवाद बढ़ता देख खरगे ने अपनी बात स्पष्ट की और कहा कि अगर उनके बयान से किसी को ठेस पहुंची है, तो वे माफी मांगते हैं। हालांकि, उन्होंने साफ कहा कि वे सरकार से माफी नहीं मांगेंगे। उन्होंने सभापति से कहा, “मैं आपसे माफी मांग सकता हूं, लेकिन सरकार से कभी नहीं।”
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का बयान
सदन में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने डीएमके पार्टी पर निशाना साधते हुए इसे “अलोकतांत्रिक और असभ्य” बताया। इस पर डीएमके सांसद कनिमोझी ने कड़ा ऐतराज जताया और कहा कि यह बयान पूरे दक्षिण भारत का अपमान है। उन्होंने साफ किया कि उनकी पार्टी केंद्र की तीन भाषा नीति और नई शिक्षा नीति को किसी भी हाल में स्वीकार नहीं करेगी।
विपक्ष ने मंत्री के इस्तीफे की मांग की
धर्मेंद्र प्रधान के बयान पर विपक्षी सांसदों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। खरगे ने कहा कि सरकार देश को बांटने का काम कर रही है और अगर कोई मंत्री किसी क्षेत्र की जनता को “Uncultured और Uncivilized” कहता है, तो उसे इस्तीफा देना चाहिए।
कनिमोझी ने दी संसदीय विशेषाधिकार हनन की नोटिस
डीएमके सांसद कनिमोझी ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के खिलाफ संसदीय विशेषाधिकार हनन का नोटिस दाखिल कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार की भाषा विभाजनकारी है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।